नयी दिल्लीः खाद्य सुरक्षा विधेयक के बाद संसद ने आज संप्रग सरकार के एक और महत्वाकांक्षी भूमि अधिग्रहण विधेयक को मंजूरी दे दी जो 119 साल पुराने कानून की जगह लेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि अब से किसानों की भूमि का जबरदस्ती अधिग्रहण नहीं किया जा सकेगा. विधेयक में ग्रामीण इलाकों में जमीन के बाजार मूल्य का चार गुना और शहरी इलाकों में दो गुना मुआवजा देने का प्रावधान है. राज्यसभा ने...
More »SEARCH RESULT
भारतीय सप्लाई की बदौलत वैश्विक खाद्य मंहगाई थमी
भारत से चावल और गेहूं जैसी खाद्य वस्तुओं का ज्यादा निर्यात होने से विश्व बाजार में महंगाई पर रोक लगाने में मदद मिल रही है। केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा है कि विश्व बाजार में भारत खाद्यान्न निर्यात के मामले में बड़ा खिलाड़ी बनकर उभरा है। यहां 16वीं इंडियन कोऑपरेटिव कांग्रेस में पवार ने कहा कि दुनिया की 17 फीसदी आबादी की खाद्यान्न जरूरत पूरी करने के बाद भी...
More »उत्तर प्रदेश: एक शहर का कहर- जयप्रकाश त्रिपाठी
कहीं कब्रिस्तान और श्मशान पर कब्जा तो कहीं तालाब पाटकर बनती बहुमंजिला इमारतें. कहीं फर्जी रजिस्ट्री तो कहीं बिना मुआवजा दिए ही जमीन का अधिग्रहण. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक हाईटेक टाउनशिप की आड़ में हो रही इन कारगुजारियों से परेशान हजारों किसानों की फरियाद सुनने वाला कोई नहीं. जयप्रकाश त्रिपाठी की रिपोर्ट. रसूखदार और ताकतवर के लिए उत्तर प्रदेश में नियम-कानून कोई मायने नहीं रखते, यह हाल के...
More »भूमि अधिग्रहण और स्त्रियां- मुस्कान
जनसत्ता 29 अप्रैल, 2013: भूमि अधिग्रहण (पुनर्वास और पुनर्स्थापन) विधेयक अब कानून बनने की दिशा में निर्णायक मोड़ पर आ चुका है। एक सौ सत्तासी संशोधनों के सुझावों के बाद अब अगर संसद में विधेयक पर मुहर लग जाती है तो एक तरफ जहां सरकार अपनी पीठ थपथपाएगी वहीं ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में जिनकी जमीनें अधिग्रहीत की जानी हैं, वे भी मुआवजा बढ़ने से शायद राहत महसूस करें। लेकिन...
More »जलवायु संकट के बादल- अतुल कुमार सिंह
जनसत्ता 26 अक्टुबर, 2012: भारत समेत दुनिया के सामने दो सबसे अहम समस्याएं भुखमरी और जलवायु संकट हैं। ये दोनों ऐसे मुद्दे हैं जिनसे न केवल मानवता के भविष्य बल्कि पूरे जीव-जगत और अंतत: दुनिया के अस्तित्व का प्रश्न जुड़ा हुआ है। विश्व भर में इन मुद्दों पर खासी चर्चा और चिंताएं भी हैं। लेकिन इनसे निपटने के लिए जो उपाय सामने आ रहे हैं उनमें न तो मुकम्मलपन दिखता है और...
More »