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कैसे कर रहे हैं राजस्थान के ग्रामीण अपने सदियों पुराने तालाबों का संरक्षण

-इंडियास्पेंड, राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों में पानी का महत्व भगवान के समान है। यहां के ग्रामीण इस अनमोल संसाधन की एक-एक बूंद को बचाने के लिए हर संभव कोशिश करते हैं। राजस्थान के नागौर जिले के ग्रामीण इलाकों में पानी को संरक्षित करने का सबसे आसान माध्यम तालाब हैं। इन तालाबों के बारे में उल्लेखनीय तथ्य यह है कि इनमें से कई तालाब सदियों पुराने हैं और ग्रामीणों के प्रयास से ही...

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डब्ल्यूटीओ के 12वें मंत्रीस्तरीय सम्मेलन में भारत के लिए "पीस क्लॉज" से "परमानेंट सलूशन" तक जाने की गंभीर चुनौती

-रूरल वॉइस, विश्व व्यापार संगठन  (डब्ल्यूटीओ) के 12वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (एमसी12) की बैठक 30 नवम्बर से लेकर 3 दिसम्बर के दौरान  स्विटजरलैंड के जेनेवा में आयोजित की जाएगी । एमसी 12 का पिछले साल कजाकिस्तान में होने वाला यह सम्मेलन  कोरोना महामारी के कारण स्थगित हो गया था ।  साढ़े सात दशक पहले अस्तित्व में आई बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली के समय से ही डब्ल्यूटीओ के सदस्यों के बीच कृषि सबसे  विवादस्पद...

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यूरिया की कीमत 900 डॉलर पर पहुंची, वैश्विक बाजार में लगातार बढ़ रहीं हैं उर्वरकों की कीमतें

-हरवीर सिंह, साल भर के भीतर वैश्विक बाजार में जिस तरह से उर्वरकों और उनके कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है वह सरकार और  घरेलू उर्वरक उद्योग दोनों के लिए मुश्किलें बढ़ा रही हैं। जिस तरह की कीमत वृद्धि डाई अमोनियम फॉसफेट (डीएपी) और म्यूरेट ऑफ पोटाश (एमओपी) में हुई है उसी तरह की कीमत वृद्धि यूरिया की कीमतों में देखने को मिल रही है। देश में आयातित यूरिया...

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महामारी से कितनी प्रभावित हुई दलित-आदिवासी शिक्षा?

-न्यूजक्लिक, पिछले दो सालों में कोरोना महामारी ने अन्य व्यवस्थाओं के साथ शिक्षा व्यवस्था को भी अस्त-व्यस्त कर दिया। सुखद है कि अब धीरे-धीरे शिक्षा व्यवस्था पटरी पर लौटने लगी है। महामारी ने यूं तो सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों को भी प्रभावित किया पर दलित-आदिवासी छात्र-छात्राओं का तो भविष्य ही दांव पर लग गया। इसमें हमारी जातिवादी और पितृसत्तावादी मानसिकता और उभर कर सामने आई। हाल ही में दलित आर्थिक अधिकार...

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बिजली संशोधन कानून 2021: बिजली को तारों से अलग करने की कसरत!

-न्यूजक्लिक, देश में पैदा हुए कोयला संकट का नतीजा यह हुआ कि बिजली उत्पादन में उल्लेखनीय कमी हो गयी। इसके चलते खासतौर पर उत्तरी भारत में कई-कई घंटे की लोड शेडिंग की नौबत आ गयी। बहरहाल, अडानी पॉवर जैसे कुछ निजी बिजली उत्पादकों ने इसी चक्कर में आंधी के झड़ गए आमों की तरह, भारी अनार्जित मुनाफे बटोर लिए। ब्लैकआउट का सामना कर रहे आंध्र, पंजाब, उत्तर प्रदेश तथा गुजरात जैसे कुछ राज्यों की बिजली...

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