दिल्ली और उसके आसपास का इलाका इन दिनों प्रदूषण की अभूतपूर्व मार से ग्रस्त है। जिधर नजर डालिए, उधर धुंध की मटमैली चादर तले खांसते, कांपते और कांखते लोग मिल जाएंगे। अपना एक निजी अनुभव आपसे शेयर करता हूं। दीपावली को दोपहर के बाद से मैं जब भी अपने घर का दरवाजा खोलता, तो बेचैन हो उठता। सामने वाले फ्लैट में एक प्यारा शिशु रहता है। अभी उसे अपना पहला जन्मदिन मनाना...
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धरती पर होगा ऑक्सीजन संकट!
ग्लोबल वार्मिंग से बढ़ रहे खतरे और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों ने भविष्य के लिए नये सवाल खड़े कर दिये हैं. इससे बाढ़, सूखा, तूफान और पिघलती बर्फ के अलावा आॅक्सीजन की कमी भी हो सकती है. ‘साइंस डेली' के मुताबिक, ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी आॅफ लीसेस्टर के एप्लाइड मैथेमैटिक्स के प्रोफेसर सरगेइ पेट्रोव्स्की के नेतृत्व में इस संबंध में एक नया शोध किया गया है. उनका कहना है कि उन्होंने ग्लोबल...
More »अपनी तबाही रचते शहर- अनिल पद्मनाभन
भारत उन 163 देशों की सूची में सबसे ऊपर है, जिनके बाशिंदे हर साल सबसे अधिक बाढ़ की मुसीबतें झेलते हैं। हाल के दिनों में चेन्नई, श्रीनगर, मुंबई जैसे शहरों में सैलाब से तबाही का जो मंजर हमने देखा, उसके लिए बहुत हद तक दोषी हमारा गैर-जिम्मेदाराना रवैया और अनियोजित शहरीकरण है। मिन्ट के डिप्टी मैनेजिंग एडिटर अनिल पद्मनाभन का विश्लेषण चेन्नई में आई बाढ़ अब उतार पर है। इस त्रासदी...
More »आपदा राहत की उलझी कड़ियां-- शैलेन्द्र चौहान
भारत में लोगों को आपदा से बचाना या तत्काल राहत पहुंचाना किसकी जिम्मेदारी है? पिछले पांच दशक से सरकार भी इस यक्ष प्रश्न से जूझ रही है। दरअसल, आपदा प्रबंधन तंत्र की सबसे बड़ी समस्या यह है कि लोगों को कुदरती कहर से बचाने की जिम्मेदारी कई महकमों पर है। जब लोग बाढ़ में डूब रहे होते हैं, भूकंप के मलबे में दब कर छटपटाते हैं या फिर ताकतवर तूफान...
More »देश का बदलता मौसमः बाढ़, सूखा और तूफान का कहर
जलवायु परिवर्तन को लेकर चिंतित विश्व समुदाय पेरिस में इसका कुछ न कुछ हल ढूंढने में लगा है ताकि पृथ्वी को उसके दुष्प्रभावों से बचाया जा सके। जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से भारत भी अछूता नहीं है। कभी बेमौसम बारिश, सूखा, तूफान और कभी बाढ़ से देश को दो चार होना पड़ा है। फिलहाल मंगलवार देर रात से हुई बारिश से चेन्नई जलमग्न है। जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सेना...
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