मध्यप्रदेश के सतना जिले के बीरपुर गांव के 42 परिवार इस महीने की शुरुआत से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अनाज देने के मामले में हो रही कालाबाजारी की तरफ ध्यान खींचने के लिए आंदोलन कर रहे हैं। आंदोलनकारी परिवार के लोगों की मांग है कि सतना जिले के कलेक्टर सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अनाज के आबंटन में हो रहे भ्रष्टाचार को रोकने के लिए अपनी ताकत का इस्तेमाल करें और उन्हें अधिकार के अनुरुप सरकारी राशन...
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लाभार्थियों को सीधे दी जाएगी खाद्य सबसिडी
नई दिल्ली । राशन की दुकानों के जरिए बेचे जाने वाले खाद्यान्न के किसी और जगह स्थानांतरित होने से रोकने के प्रयास के तहत केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि वह जल्द ही केंद्र शासित प्रदेशों में खाद्य सब्सिडी सीधे लाभार्थियों को देने की प्रायोगिक परियोजना शुरू करेगी। खाद्य मंत्री केवी थॉमस ने यहां राज्यों के खाद्य मंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने कहा...
More »क्या कैश-ट्रांसफर के लिए पीडीएस को खत्म किया जा सकता है?
अनाज इतना है कि सरकारी गोदामों में उन्हें संभाल पाना मुश्किल हो रहा है और सरकार के पास धन की ऐसी कमी है कि वह खर्च कम करके संयम बरतने की सलाह दे रही है। फिर भी, विश्वबैंक की सलाह को अपने सर माथे चढ़ाकर सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली(पीडीएस) के जरिए अनाज बांटना बंद करना और लोगों को इसकी जगह कैश-ट्रांसफर के जरिए नकदी देना चाहती है। देश के विभिन्न भागों में होने वाले सर्वेक्षण, मौका...
More »35 हजार करोड़ के खाद्यान्न घोटाले में खाद्य मंत्री रघुराज प्रताप के पूर्व पीआरओ तलब- विजय उपाध्या??
लखनऊ। उप्र के 35 हजार करोड़ से अधिक के खाद्यान्न घोटाले की जांच कर रही सीबीआइ ने अखिलेश सरकार के खाद्य एवं रसद मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के पूर्व जनसंपर्क अधिकारी पीआरओ राजीव कुमार यादव को नोटिस देकर तलब किया है। सीबीआइ ने यादव को एक सप्ताह अंदर सीबीआई के लखनऊ आफिस में उपस्थित होकर बयान देने के लिए कहा है। सीबीआई ने बुधवार को खाद्यान्न घोटाले से जुड़े...
More »राजा ने लूटी रंकों की रोटी- आशीष खेतान(तहलका, हिन्दी)
सपा की पिछली सरकार में खाद्य और आपूर्ति विभाग के मंत्री रहे राजा भैया ने जन वितरण प्रणाली में घोटाले के जरिए 100 करोड़ रुपये बनाए. वे एक बार फिर से उसी विभाग के मंत्री हैं. उनके कारनामों को आशीष खेतान उजागर कर रहे हैं यह किसी केंद्रीय मंत्री और बड़े औद्योगिक घराने के बीच हुए अनैतिक लेन-देन की कहानी नहीं है. यह कहानी है हमारे समाज के सबसे वंचित और शोषित तबके...
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