लखनऊ। मौसम का पारा लगातार गिरने से ठंड का कहर बरकरार है। शुक्रवार को भी लोग ठंड से बेहाल रहे। हालांकि सूर्य देव के दर्शन तो जरूर हुए लेकिन धूप में तेजी नहीं थी। कोहरा भी सुबह देर तक रहा और दिनभर धुंध सी छायी रही। जिसके चलते रेल, सड़क और हवाई यातायात भी प्रभावित रहा। बीते चौबीस घंटे के दौरान पूर्व व मध्य उत्तर प्रदेश में ठंड लगने से साठ लोगों की सांसे ठंडी...
More »SEARCH RESULT
कोसी की तबाही, सरकार की लापारवाही
पटना। बिहार के प्रधान महालेखाकार [पीएजी] ने 2008 में कोसी नदी के तटबंध टूटने के लिए राज्य सरकार को दोषी ठहराया है। तटबंधों के टूटने से आई बाढ़ ने लाखों लोगों को बेघर कर दिया था और कई लोग मारे गए थे। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि पीएजी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बिहार के जल संसाधन विभाग ने संरक्षण कार्य में तत्परता में कमी दिखाई, जिसके कारण 2008 में...
More »बिहार की चमत्कारिक आर्थिक वृद्धि- मिथक या यथार्थ
क्या यह बात सच है कि विकास के मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार को महज चार सालों में गुजरात के करीब पहुंचा दिया है। समाचारों की माने तो सचमुच ऐसा ही है( देखें नीचे दी गई लिंक) लेकिन आंकड़ों का विश्लेषण ऐसा कहने से इनकार करता है। बिहार की आर्थिक प्रगति के अर्धसत्य को परोसने के लिए समाचारों में आधार बनाया गया है केंद्रीय सांख्यिकी एवम् कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय...
More »कमजोर एवं पात्र व्यक्ति तक पहुंचे खाद्य सामग्री
जयपुर, जागरण संवाद केंद्र : खाद्य मंत्री बाबूलाल नागर ने कहा है कि विभाग की योजनाओं से गरीबों को लाभान्वित करने में संवेदनशीलता से भूमिका निभाते हुए समाज के कमजोर एवं पात्र व्यक्ति एक सार्वजनिक वितरण प्रणाली की सामग्री की पहुंच सुनिश्चित की जाए। नागर शनिवार को यहां इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्थान में राजस्थान खाद्य, नागरिक आपूर्ति सेवा समिति के प्रांतीय अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली की सामग्री...
More »निर्भर नहीं, आत्मनिर्भर !- मिहिर शाह
राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (नरेगा) क्रांतिकारी जनपक्षधर विकास कार्यक्रमों का वायदा करती है। ग्राम सभा और ग्राम पंचायतों द्वारा उसकी योजना, क्रियान्वयन और जांच-परख से हजारों स्थायी रोजगार पैदा हो सकते हैं। लेकिन नरेगा की लड़ाई बरसों से चले आ रहे एक बुरे अतीत के साथ है। पिछले साठ सालों से ग्रामीण विकास की योजनाएं राज्य की इच्छा और सदाशयता पर ही निर्भर रही हैं। श्रमिकों को दरकिनार करने वाली मशीनों और ठेकेदारों को काम...
More »