खेती को लेकर अब छोटे और मध्यम किसानों में भी एक बड़ा बदलाव देखा जा सकता है। पिछले कुछ वर्षों में ऐसे किसानों में अपने खेत बेचकर बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने की प्रवृत्ति बढ़ी है। हाल के एक सर्वेक्षण से पता चला है कि 98.2 प्रतिशत किसानों की आनेवाली पीढ़ियों में किसानी के प्रति कोई रुचि नहीं है। निश्चय ही यह चिंता का विषय होना चाहिए। किसानों के बच्चों की...
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अमीरी रेखा की जरूरत- सुनील
जनसत्ता 12 दिसंबर, 2011 : कुछ माह पहले जब योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने सर्वोच्च न्यायालय में हलफनामा दिया कि शहरों में बत्तीस रु. और गांवों में छब्बीस रु. प्रतिदिन खर्च करने वालों को गरीबी रेखा से ऊपर माना जाएगा, तो देश के संभ्रांत पढ़े-लिखे लोगों में और मीडिया में खलबली मच गई। अहलूवालिया से लेकर जयराम रमेश तक को सफाई में बयान देने पडे। उन्होंने यह...
More »गंगा खनन के मामले ने तूल पकड़ा
सुनील दत्त पांडेय हरिद्वार, 10 दिसंबर। उत्तराखंड में गंगा में खनन का मामला विवादास्पद होता जा रहा है। मातृ सदन के संस्थापक स्वामी शिवानंद सरस्वती के आमरण अनशन पर बैठने के बाद राज्य सरकार ने उन्हें मनाने के लिए गंगा में खनन पर रोक लगा दी। जिससे खनन के क्षेत्र से जुड़े स्टोन क्रेशर मालिकों, मजदूरों और खनन क्षेत्र से जुड़े गांव वालों में जबरदस्त गुस्सा छा गया। खनन से...
More »किसानों के कब्जे से आवाजाही ठप, ब्यास पुल पर दूसरे दिन भी डटे रहे
अमृतसर/ब्यास. ब्यास पुल पर किसानों के धरने के कारण पैदा हुई जाम की स्थिति से आमजन खासा परेशान है। जाम के कारण अमृतसर सड़क मार्ग से पूरी तरह कट गया है। 70 प्रतिशत बसें अपने मुकाम पर नहीं पहुंच सकीं। बसों व निजी वाहनों से अमृतसर से जालंधर के रास्ते होकर दिल्ली या चंडीगढ़ जाने वालों को खासी परेशानी झेलनी पड़ी। कुछ यात्री तो बीच रास्ते ही बसों में उतर...
More »कथा बीपीएल-क्लब की - ज्यां द्रेज
झारखंड के लातेहार जिले के डबलू सिंह के परिवार की दुर्दशा वर्तमान खाद्य-नीतियों की विसंगतियों को जितनी मार्मिकता से उजागर करती है उतनी शायद कोई और बात नहीं करती। जीविका के लिए मुख्य रुप से दिहाड़ी मजदूरी पर निर्भर आदिवासी युवक डबलू, तकरीबन दो साल पहले, काम करते वक्त छत से गिर पडा और उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई। जीवनभर के लिए अपंग हो चुके डबलू को हर वक्त...
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