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भारत के रिन्‍यूअबल एनर्जी सेक्‍टर से अमेरिकी कंपनियों को मिलेगी पावर

नई दिल्‍ली। अमेरिकी राष्‍ट्रपति बराक ओबामा की यात्रा को भारत के रिन्‍यूअबल एनर्जी सेक्‍टर के लिए भले ही एक अहम कारोबारी कामयाबी के तौर पर देखा जा रहा है, लेकिन इसका सबसे अधिक लाभ अमेरिका की सोलर एनर्जी कंपनियों को मिलेगा। अमेरिकी ट्रेड एंड डेवलपमेंट एजेंसी भारत के रिन्‍यूअबल एनर्जी सेक्‍टर में दो अरब डॉलर के निवेश की घोषणा कर चुकी है। इससे जहां मोदी सरकार की चौबीसो घंटे बिजली...

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विस्थापन के सबसे ज्यादा शिकार हैं आदिवासी : मंत्रालय की रिपोर्ट

देश की आबादी में अनुसूचित जनजाति के लोगों की तादाद 8.6% है लेकिन विकास परियोजनाओं के कारण विस्थापित होने वाले लोगों कुल संख्या में अनुसूचित जनजाति के लोगों की तादाद 40 प्रतिशत है। भूमि अधिग्रहण संबंधी अध्यादेश के जारी होने के साथ उपजे विवाद के बीच आई एक नई रिपोर्ट में विस्थापन और विकास के संदर्भ में आदिवासी समुदाय के लोगों से संबंधित ऐसे कई महत्वपूर्ण तथ्यों का उल्लेख है।...

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निजी बैंक जन धन खाता खोलने में सरकारी बैंकों से बेहद पीछे

नई दिल्ली। सरकारी बैंकों के मुकाबले ग्राहकों को सेवा देने में आमतौर पर आगे रहने वाले निजी बैंक प्रधानमंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाई) के तहत खाते खोलने के मामले में फिसड्डी साबित हो रहे हैं। यहां तक कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी) भी निजी बैंकों से कहीं आगे हैं। केवल निजी बैंकों में देखा जाए तो एचडीएफसी बैंक ने सबसे ज्यादा खाते खोले हैं। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक प्रधानमंत्री जन-धन...

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बैंकों की दशा सुधारने की कवायद- धर्मेंन्द्रपाल सिंह

देश की अर्थव्यवस्था से आजकल अजीब इशारे मिले हैं। बीते अक्तूबर में औद्योगिक उत्पादन 4.2 फीसद गिरा। जुलाई से सितंबर की तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की दर 5.3 प्रतिशत दर्ज की गई। सरकार ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए पूरा जोर लगा रखा है, लेकिन देशी-विदेशी पूंजीपति नया निवेश करने से कतरा रहे हैं। कुछ अर्थशास्त्रियों का मानना है कि हमारा देश ‘बैलेंस शीट रिसेशन' के...

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घर छोड़ने को मजबूर क्यों अन्‍नदाता? - देविंदर शर्मा

कृषि के संदर्भ में राष्ट्रीय नमूना सर्वे संगठन (एनएसएसओ) की हालिया रिपोर्ट साफ तौर पर बताती है कि कृषि न केवल संकट के दौर से गुजर रही है, बल्कि उसका तेजी से क्षरण भी हो रहा है। मैं चकित नहीं हूं। आखिरकार 1996 में ही विश्व बैंक ने भारतीय कृषि के पतन की दिशा बता दी थी। तब विश्व बैंक ने अनुमान लगाया था कि अगले बीस वर्षों में भारत...

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