रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में 22 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में लघु धान्य फसलों की खेती करने का फैसला किया है। आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को यहा बताया कि छत्तीसगढ़ में चालू खरीफ मौसम में 2,200 हेक्टेयर में लघु-धान्य फसलो जैसे रागी, सावा, कोदो और कुटकी की खेती की जाएगी। रागी के लिए पाच-पाच सौ हेक्टेयर और कोदो-कुटकी तथा सावा की खेती के लिए दो-दो सौ हेक्टेयर के कलस्टर...
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बिहार में नए बीजों का प्रयोग बढ रहा है
पटना : बिहार में कृषि क्षेत्र प्रगति के पथ पर अग्रसर है और राज्य में ज्यादातर फ़सलों के मामले में बीज प्रतिस्थापन दर एसआरआर 33 प्रतिशत तक पहुंच गयी है. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि खरीफ़ और रबी की प्रमुख फ़सलों का एसआरआर 2007-08 के मुकाबले 2010.11 में काफ़ी तेजी से बढा है. 2010-11 में खरीफ़ की फ़सलों में धान का एसआरआर 31 प्रतिशत तक बढा है...
More »बंजर जमीन में बायो डीजल की खेती
पटना : सरसरी तौर पर आपको यह सचमुच विसंगतियों से भरा मामला दिखेगा. 20 साल की उम्र में कंपनी का गठन एक्सएलआरआइ से एमबीए के बाद गांव व खेती में जुटना. निश्चित भविष्य की गारंटी वाली नौकरी का ऑफर ठुकरा कर बिहार में बदलाव लाने की पथरीली डगर का चयन. जिस बंजर जमीन पर खेती भी मुश्किल हो, वहां डीजल पैदा करने की जिद. डीजल भी उस पेड़ से निकालने...
More »बढ़ते गरीब और बेमानी बहस - अश्वनी कुमार
देशभर के शहरों में रहनेवाले गरीबों के आंकड़े जुटाने के लिए एक जून से सात माह का सर्वे शुरू हो चुका है. इसके साथ ही गरीबों की पहचान के मानदंड पर बहस भी फ़िर छिड़ गयी है. यह विडंबना ही है कि तमाम योजनाओं के बावजूद गरीबों की संख्या लगातार बढ़ रही है. शहरी गरीबों की गणना की खबरों के साथ ही गरीबी को लेकर जारी बहस फ़िर छिड़ गयी है....
More »मनरेगा श्रमिकों को मजदूरी न मिलने से रोष
सुंदरगढ़: टांगरपाली ब्लाक के अन्तर्गत विभिन्न गांवों में महात्मा गांधी निश्चित ग्रामीण रोजगार योजना, मनरेगा में नियोजित ग्रामीणों को सही वक्त पर मजदूरी न मिलने से उनमें रोष देखा जा रहा है। इसके प्रति ब्लाक प्रबंधन की ओर से भी ध्यान न देना आश्चर्य का विषय बना हुआ है। टांगरपाली ब्लाक के अन्तर्गत महुलपाली, तसलाडीही, रेमणा, उज्जवलपुर तथा टांगरपाली पंचायत में मनरेगा योजना के तहत विभिन्न विकास परियोजनाओं का काम हुआ...
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