नई दिल्ली. यूनिसेफ के अनुसार भारत में प्रत्येक वर्ष लाखों बच्चे गायब होते हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय का भी मानना है कि बड़े पैमाने पर बच्चे गायब हो रहे हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के आधार पर 2008 से लेकर अब तक 4 लाख से ज्यादा बच्चे गायब हो चुके हैं। ज्यादातर बच्चे देश के गरीब राज्यों बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश आदि से गायब होते...
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सरकार का खान ‘दान’- शिरीष खरे
अपने रिश्तेदारों और करीबियों को खदान आवंटित करने का मामला राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनकी सरकार के गले की हड्डी बन सकता है. शिरीष खरे की रिपोर्ट. राजस्थान में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के घमासान से ठीक पहले राज्य में कांग्रेस सरकार के मुखिया अशोक गहलोत अपने करीबी रिश्तेदारों को खान आवंटित करने के मामले में बुरी तरह फंस गए हैं. गहलोत पर आरोप है कि उन्होंने...
More »दूध की बिक्री के लिए नहीं ठोस नीति
संवाद सहयोगी, बलाचौर : दूध को सर्वश्रेष्ठ खाद्य पदार्थ के रूप में जाना जाता है। अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए यह पौष्टिक आहार महत्वपूर्ण माना जाता है, इसके बावजूद इसकी सही ढंग से बिक्री नहीं हो पा रही है। इसे लेकर पशु पालक काफी दुविधा में हैं। इस संबंध में दैनिक जागरण से बातचीत करते हुए पशु पालक सुनील कुमार, रोशन लाल, मक्खन लाल, राकेश कुमार, रोशन लाल प्रेम चंद,...
More »विशेष पैकेज की विशेष राजनीति- अरविन्द मोहन
जनसत्ता 19 मार्च, 2013: दिल्ली के रामलीला मैदान पहुंच कर बिहार के लिए विशेष पैकेज की मांग दोहराने से पहले नीतीश कुमार इस नाम पर पर्याप्त राजनीति कर चुके थे। फिर भी एक भारी भीड़ जुटा कर उन्होंने जो भाषण दिया उसकी गूंज राजधानी के राजनीतिक और मीडिया के हलकों में देर तक सुनी जाती रही तो इसकी साफ वजह सिर्फ उनकी होशियारी या सफलता नहीं है। असल में इस आयोजन...
More »समानता का सपना- रुचिरा गुप्ता
जनसत्ता 14 मार्च, 2013: कोई भी बदलाव डरावना होता है। खासकर वैसा बदलाव, जो राजनीति और यौन भूमिका दोनों को प्रभावित करता है। सोलह दिसंबर को दिल्ली में हुए सामूहिक बलात्कार कांड के व्यापक विरोध ने देश में एक चिनगारी सुलगा दी है। पुरुषों की हर तरह की हिंसा को खत्म करने के लिए स्त्रियों के आंदोलन की मांग लगातार होती रही है। विरोध-दर-विरोध में युवतियों का साथ युवक भी दे...
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