-आइडियाज फॉर इंडिया, हाल ही में प्रलेखित किये गए दो तथ्य इस परंपरागत धारणा के विपरीत चलते हैं कि आर्थिक विकास बेहतर स्वास्थ्य की ओर ले जाता है: विकासशील देशों में आय और पोषण की स्थिति के बीच एक स्पष्ट लिंक का अभाव; और आर्थिक विकास के साथ, तथा सामान्य व्यक्तियों में, जो कि जरूरी नहीं कि अधिक वजन वाले हों, चयापचय संबंधी बीमारी का बढ़ता प्रचलन। यह लेख इन प्रतीत...
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पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना फसलों में रोग नियंत्रण कर सकते हैं मिट्टी के सूक्ष्मजीव
-डाउन टू अर्थ, कृषि-तकनीक में नई खोज किसानों को फसलों पर लगने वाले रोगों को नियंत्रित करने में मदद करती है। यह तकनीक वर्तमान में उपयोग होने वाले रासायनिक उपचारों में लगने वाली लागत और पर्यावरणीय क्षति को कम करने का एक अहम तरीका है। जॉन इन्स सेंटर की टीम ने एक व्यावसायिक आलू के खेत की मिट्टी से स्यूडोमोनास बैक्टीरिया के सैकड़ों वेरिएंटों को अलग किया और उनका परीक्षण किया। फिर...
More »भेदभाव में लिंग-जाति अंतर्विरोध: क्या मरीज़ डॉक्टर की सामाजिक पहचान की परवाह करते हैं?
-आइ़डियाज फॉर इंडिया, भारत में सामाजिक पहचान पर आधारित भेदभाव व्यापक रूप में फैला होने की वजह से, भेदभाव में जाति-लिंग अंतर्विरोध के अध्ययन हेतु एक अनूठी सेटिंग उपलब्ध होती है। यह लेख, उत्तर प्रदेश में किये गए एक क्षेत्रीय प्रयोग के आधार पर दर्शाता है कि मरीज द्वारा महिला डॉक्टरों की तुलना में पुरुष डॉक्टरों को पसंद किये जाने के कारण जाति-संबंधी पूर्वाग्रह इस लिंग संबंधी भेदभाव को और बढ़ा...
More »गांव में अपराध: क्या सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं से फर्क पड़ता है?
-गांव सवेरा, ग्रामीण भारत में गरीबी के उन्मूलन और आर्थिक विकास हेतु अच्छी बुनियादी सुविधाओं तक पहुंच होना महत्वपूर्ण है। यह लेख, भारत मानव विकास सर्वेक्षण (आईएचडीएस) के 2004-05 और 2011-12 के आंकड़ों का विश्लेषण करते हुए दर्शाता है कि पक्की सड़कों से जुड़े गांवों के परिवारों में अपराध, श्रम बल की भागीदारी और पारिवारिक आय के सन्दर्भ में उन गांवों में रहने वालों की तुलना में बेहतर परिणाम पाए गए...
More »भारत में वनों की स्थिति पर भारतीय वन सर्वेक्षण की 2021 की रिपोर्ट: आंकड़ों पर एक नज़र
-न्यूजक्लिक, बीते रोज़ यानी 13 जनवरी 2021 को भारत सरकार के वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भारतीय वन सर्वेक्षण की भारत में वनों की स्थिति पर सन 2021 की रिपोर्ट जारी की है। यह रिपोर्ट द्विवार्षिक होती है जिसे भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून तैयार करता है। देश में वनों की स्थिति के बारे में रिपोर्ट तैयार करने का चलन सन 1987 से शुरू हुआ था। इस लिहाज से 2021 में जारी हुई यह रिपोर्ट...
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