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हुंडरू में युवाओं ने सौर ऊर्जा से खोली आजीविका की अनोखी राह

रंगबिरंगी छतरी के नीचे खड़े कैमरा लटकाये इन युवाओं को देखिए. बेदिया जनजाति से आने वाले ये युवा स्वयं से रोजगार सृजन कर आत्मनिर्भर होने की अद्भुत मिसाल हैं. इन युवाओं ने रोजगार के लिए फोटोग्राफी के हुनर को अपनाया है और वह भी ऐसी जगह पर जहां बिजली की आपूर्ति नहीं  है. सौर ऊर्जा को बिजली के विकल्प के रूप में अपनाया और नयी  तकनीक का इस्तेमाल करते हुए...

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जनहित याचिका के ऐतिहासिक नतीजे

हम अपने संविधान की चाहे जितनी आलोचना कर लें और इसे जितना बेकार कह लें, सच यह है कि अब तक इसने ही देश के नागरिकों को सम्मान से जीने का अधिकार दिया है और उस अधिकार के अतिक्रमण को दूर करने का रास्ता भी इसी ने दिया. इसका एक बड़ा उदाहरण है जनहित याचिका. यह जनता के संवैधानिक अधिकारों के इस्तेमाल और अदालत के कानूनी अधिकार से ही संभव हुआ...

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गांव के शासन में अहम भूमिका निभा रही है महिला ग्रामसभा

महात्मा गांधी का सपना था कि गांव का शासन ग्रामीण चलायें और अपनी प्राथमिकताएं भी वे खुद ही तय करें. हालांकि अब तक यह सपना पूरी तरह सार्थक तो नहीं हो पाया है, लेकिन यह कहा जा सकता है कि पंचायत चुनाव के बाद इसकी संभावनाएं काफी प्रबल हुईं हैं. गांधीजी के सपने को साकार करने की ओर एक कदम के रूप में महिला ग्रामसभा को देखा जा सकता है. क्या...

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एसएचजी की महिलाओं को चार प्रतिशत पर कर्ज

पटना: एसएचजी यानी स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए उन्हें चार प्रतिशत की ब्याज दर पर कर्ज मिलेगा. वर्तमान में सात प्रतिशत  पर कर्ज मिलता है. अतिरिक्त तीन प्रतिशत राशि राज्य सरकार अपने खजाने से बैंकों को सूद के रूप में देगी. लोक सेवा का अधिकार कानून, 2011  में संशोधन करते हुए कुछेक सेवाओं में तत्काल सेवा तो कुछ की समय सीमा...

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अभिशाप बना खनन-उद्योग- पी जोसेफ

राज्य के बंटवारे के बाद कहा जा रहा था कि बिहार राज्य में राजस्व का कोई स्रोत नहीं बचा. सभी खनन क्षेत्र झारखंड में जाने के कारण बिहार आर्थिक बदहाली में पहुंच जायेगा, पर ऐसा नहीं हुआ. बिहार में मात्र बालू एवं पत्थर से खनन क्षेत्र में लगभग झारखंड राज्य के जितना ही राजस्व आ रहे हैं. दूसरी तरफ, झारखंड की अर्थव्यवस्था की रीढ़ समझे जानेवाले इस उद्योग को उचित...

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