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जजों की नियुक्ति की नई व्यवस्था पर लोकसभा की मुहर आज

नई दिल्ली। क्या देश में हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जजों की नियुक्ति की कॉलेजियम व्यवस्था समाप्त होने जा रही है? यह सवाल इसलिए उठा है, क्योंकि आज केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद जजों की नियुक्ति संबंधित संशोधित बिल लोकसभा में पेश करेंगे और कांग्रेस के समर्थन से इसके पास होने की भी संभावना है। सरकार चाहती है कि कॉलेजियम सिस्टम के स्थान पर जजों की नियुक्ति के लिए नेशनल ज्यूडिशियल...

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'न्यायपालिका को बदनाम करने की साजिश'

नई दिल्ली। न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए बने कोलेजियम सिस्टम में बदलाव की कवायद से व्यथित सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश आरएम लोढा ने कहा 'भगवान के लिए लोगों के बीच बनी न्यायपालिका की विश्वसनीयता को दांव पर न लगाएं।' इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कोलेजियम सिस्टम को रद्द करने की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया। सरकार कोलेजियम व्‍यवस्‍था बदलने के विकल्‍पों पर कर रही विचार कोलेजियम सिस्टम...

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भारत की न्‍यायपालिकाएं भी भ्रष्‍टाचार से अछूती नहीं: अमेरिकी रिपोर्ट

वॉशिंगटन: अमेरिकी कांग्रेस की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत में न्यायपालिका सहित हर स्तर पर भ्रष्टाचार है। 'कंट्री रिपोट्र्स ऑन ह्यूमन राइट्स प्रैक्टिसेस' नामक यह रिपोर्ट विदेश मंत्री जॉन केरी ने जारी की। इसमें कहा गया है कि भारत सरकार ने कानून को प्रभावी ढंग से लागू नहीं किया। इसलिए अधिकारी फायदा उठाते हुए भ्रष्टाचार करने लगते हैं। सीबीआई ने पिछले साल जनवरी से नवंबर के बीच...

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न्यायिक स्वतंत्रता का सवाल- राजीव धवन

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मार्कंडेय काटजू कुछ कहते हैं, तो उस पर सबका ध्यान जाता है। लेकिन इस बार मामला अलग है। स्वाभाविक है, जब वह न्यायपालिका पर राजनीतिक दबाव में आने का आक्षेप लगा रहे हों, और उसकी स्वतंत्रता पर सवाल खड़े कर रहे हों, तो यह महज संवाद बनकर नहीं रह सकता। आखिर यह मामला तीन पूर्व प्रधान न्यायाधीश और सीधे तौर पर पिछली यूपीए सरकार के...

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बबुआ से बड़ा झुनझुना- विनोद कुमार

जनसत्ता 21 जुलाई, 2014 : आजादी के बाद हमने वयस्क मताधिकार पर आधारित भारतीय गणराज्य की स्थापना की। मूल अवधारणा यह रही कि हम एक ऐसी व्यवस्था बनाएंगे जिसके केंद्र में रहेगा देश का नागरिक। विधायिका उसके हित में कानून बनाएगी, कार्यपालिका उन कानूनों के दायरे में नागरिकों को एक विधि-सम्मत सुशासन मुहैया कराएगी, सेना बाह्य दुश्मनों से देश की सुरक्षा की गारंटी करेगी, पुलिस नागरिकों के जान-माल की रक्षा करेगी।...

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