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मानवीय है मातृत्व अवकाश में वृद्धि

आने वाला साल महिलाओं के लिए अच्छी खबर लेकर आएगा। उनका मातृत्व अवकाश 26 हफ्ते तक बढ़ने वाला है। पहले यह मात्र 12 हफ्ते का था। महिला एवं शिशु विकास मंत्रालय की मानें तो इस फैसले से प्राइवेट सेक्टर में कार्यरत सभी कामकाजी महिलाएं लाभान्वित होंगी, भले ही वह संगठित हो या असंगठित। श्रम मंत्रालय की ओर से इस आशय के फैसले को हरी झंडी मिल चुकी है। हालांकि मंत्री...

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जेलों पर बढ़ते बोझ के मायने-- पंकज चतुर्वेदी

इरफान फरवरी 2007 में समझौता एक्सप्रेस से दिल्ली आया था, वापसी में उसमें बम फटा और उसका पूरा सामना जल गया। पुलिस ने उसे अस्पताल से उठाया व बगैर पासपोर्ट के भारत में रहने के आरोप में अदालत में खड़ा कर दिया। उसे चार साल की सजा हुई। तब से वह जेल में है यानी आठ साल से। वहां मिली यातना व तनहाई से वह पागल हो गया। पाकिस्तान में...

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छोटी सी पहल ने बदली सौ गांवों की तकदीर

कभी पानी को तरसते थे, आज साल भर में तीन फसल उगा रहे किसान राजस्थान के सौ गांवों के खेतों में फसल नहीं उगायी जाती थी, क्योंकि वहां सिंचाई के माकूल साधन नहीं थे. सिंचाई के लिए पानी की बात तो दूर, ग्रामीणों को पेयजल भी मयस्सर नहीं था. मुंबई की एक महिला कार्यकर्ता द्वारा किये गये अथक प्रयास के बाद आज उन गांवों में न सिर्फ लोगों को पेयजल मिल...

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वह आदिवासियों की उम्मीद थे- बाबा मायाराम

बी. डी. शर्मा (ब्रह्मदेव शर्मा) जी नहीं रहे, यह खबर मुझे रांची में मिली। उनका निधन 6 दिसंबर को हो गया। उस समय मैं झारखंड के मित्र सुनील मिंज से वहां तेज गति से होने वाले औदयोगिकीकरण की कहानियां सुन रहा था। जल, जंगल, जमीन जैसे संसाधन किस तरह से आदिवासियों से छीने जा रहे हैं, यह झारखंड में देखा जा सकता है। यही हाल छत्तीसगढ़, ओडिशा और देश के...

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भुखमरी और इलाज के अभाव में मर रहे श्रमिक : परिजन

जलपाईगुड़ी: चाय श्रमिकों की मौत का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. डंकन्स ग्रुप के तीन चाय बागानों में एक ही दिन में तीन श्रमिकों की मौत हो गयी. शुक्रवार को तड़के हांटुपाड़ा चाय बागान के श्रमिक लोटो खड़िया (68) की मौत हो गयी. इसी दिन सुबह बीरपाड़ा स्टेट जनरल अस्पताल में बीरपाड़ा चाय बागान के श्रमिक संचारी उरांव (48) की मौत हो गयी, तो शुक्रवार की...

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