वह 1960 का दशक था। अफ्रीकी देश कांगो भीषण हिंसा के दौर से गुजर रहा था। हाल में ही वह आजाद हुआ था। इसके बाद मुल्क में तबाही का लंबा दौर चला। जातीय संघर्ष में वहां एक लाख से ज्यादा लोग मारे गए। हजारों परिवार बेघर हुए। सबसे ज्यादा कहर महिलाओं और बच्चों पर टूटा। डेनिस मुकवेगे तब पांच साल के थे। नौ भाई-बहनों में वह तीसरे नंबर पर थे।...
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गांधी और कॉपीराइट का सवाल-- रामचंद्र गुहा
आर ई हॉकिंस ऐसे अंग्रेज थे, जिन्हें ज्यादा शोहरत तो नहीं मिली, लेकिन बतौर प्रकाशक उन्होंने अपनी जड़ें जमाईं और भारत में ही बस गए। दिल्ली के स्कूल में अध्यापन के लिए 1930 में भारत आए हॉकिंस असहयोग आंदोलन में स्कूल बंद हो जाने पर बंबई चले गए और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस से जुड़ गए। 1937 में इसके महाप्रबंधक बने और अगले 30 साल तक इसे खासी सफलता से संचालित...
More »वैश्विक तापमान ऐसे ही बढ़ता रहा तो चौपट हो जाएगी खेती
यदि वैश्विक तापमान वृद्धि पर आईपीसीसी की रिपोर्ट में जताई गई चिंताओं पर संज्ञान नहीं लिया गया तो यह भारतीय कृषि के लिए घातक साबित हो सकता है। इसमें मानसून पैटर्न में बदलाव की आशंका के साथ गंगा घाटी के सूखे की चपेट में आने की भविष्यवाणी की गई है। इससे किसान, बेघर और गरीब तबाह हो जाएंगे। यह कहना है टेरी से जुड़ी पर्यावरणविद् एवं टेरी यूनिवर्सिटी की उपकुलपति...
More »फायदे और नुकसान का गोरखधंधा-- आशुतोष चतुर्वेदी
हम भारतीयों की एक दिक्कत है कि हम अपने सदियों पुराने ज्ञान पर भरोसा करने के बजाय पश्चिम के लोगों की बातों पर अधिक यकीन करते हैं. पश्चिम ने फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल शुरू किया, तो हमने अपनी जैविक खाद का तिरस्कार कर उसे अपना लिया. जल्द ही पश्चिमी देशों को रासायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल से सेहत पर खतरा नजर आने लगा. इनके अंधाधुंध...
More »भारतीय इंजीनियरों की राह कठिन, सिलिकॉन वैली में आना हुआ कम
सिलिकॉन वैली में भारतीय इंजीनियरों का दबदबा अब भी कायम है लेकिन डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की नीतियों के कारण अब नए इंजीनियरों का आना कम हो गया है। सिलिकॉन वैली में अब स्थानीय इंजीनियरों की भर्ती बढ़ने लगी है। इसका फायदा स्थानीय विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले भारतीयों को भी मिल रहा है, लेकिन नई वीजा नीति के कारण भारत से सिलिकॉन वैली जाने वाले इंजीनियरों की संख्या में कमी आ...
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