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बढ़ रही है कर्जदार किसानों की तादाद- एनएसएसओ

विकास के बहुमुखी हल्ले के बीच कृषि-संकट जारी है। तेलंगाना, आंध्रप्रदेश और महाराष्ट्र से रह-रह कर आ रही किसान-आत्महत्याओं की खबरों के बीच राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण(एनएसएसओ) द्वारा इस माह जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के 52 फीसदी खेतिहर परिवार कर्ज में डूबे हैं। रिपोर्ट में का यह तथ्य जुलाई 2012 से जून 2013 के बीच की स्थिति के बारे में है।(देखें नीचे दी गई लिंक) तकरीबन साढ़े...

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क्या रूबल की खराब सेहत पूरी दुनिया का मूड बिगाड़ेगी?

दुनिया की कई अर्थव्यवस्थाओं की सेहत अच्छी नजर नहीं आ रही है। सबसे ज्यादा नाजुक स्थिति रूस की है, जहां कि मुद्रा रूबल में भारी गिरावट हो रही है। इससे वहां के नागरिकों के साथ ही कई देशों की धड़कने बढ़ गई हैं। संकट जारी रहा तो मंदी का भारी दौर देखना पड़ सकता है। अमेरिका में फेडरल रिजर्व की अध्यक्ष जेनट येलने का कहना है कि रूस में जारी संकट...

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GDP ग्रोथ रेट 5.5 फीसदी रहने का अनुमान, नि‍वेश की रफ्तार अब भी सुस्‍त

नई दि‍ल्‍ली। केंद्र सरकार ने संसद में अर्थव्‍यवस्‍था की छमाही समीक्षा जारी करते हुए कहा है कि‍ वि‍त्‍त वर्ष 2014-15 में देश की सकल घरेलू उत्‍पाद (जीडीपी) की ग्रोथ का अनुमान 5.5 फीसदी रखा है। जारी समीक्षा के मुताबि‍क, अब भी देश में नि‍वेश की गति‍ तेज नहीं है। ऐसे में जीडीपी की ग्रोथ 5.5 फीसदी रह सकती है। हालांकि‍, सरकार ने यह भी कहा कि‍ वि‍त्‍त वर्ष 2014-15 में...

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छत्‍तीसगढ़ में शिक्षा से कोसों दूर बैगा बच्चों के हाथ मछली का जाल

नई दुनिया,कोरबा (निप्र)। संरक्षित बैगा आदिवासी जनजाति वर्ग आज भी शिक्षा से कोसों दूर है। इस वर्ग को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लाख दावे सरकार कर ले, पर हकीकत कुछ और है। बैगा आदिवासी के बच्चे स्कूल का मुंह तक नहीं देखे हैं। कापी पुस्तक की जगह हाथ में जाल थाम लिया है और पूरा दिन मछली पकड़ने में बीत रहा। गांव से 5 किलोमीटर दूर स्कूल होने...

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काली कमाई : 'वहां' से ज्यादा 'यहां' - मोहन गुरुस्‍वामी

नई दुनिया(अग्रलेख) काले धन की जांच के लिए सरकार द्वारा गठित एसआईटी ने सर्वोच्च अदालत को यह महत्वपूर्ण जानकारी दी कि भारतीयों का स्विस बैंकों में जहां 4,479 करोड़ रुपए का काला धन जमा है, वहीं अपने देश में ही 14,958 करोड़ काला धन है! यह जानकारी निश्चित ही चौंकाने वाली है, लेकिन इसके बावजूद इसे अप्रत्याशित नहीं कहा जा सकता। क्योंकि अर्थव्यवस्था की बारीकियों पर नजर रखने वालों को...

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