खेती पर सरकारी धन खर्च करने के मामले में भारत चीन से ही नहीं अपने पड़ोसी नेपाल, भूटान और बांग्लादेश से भी पीछे है. इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट के नये ग्लोबल फूड पॉलिसी रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक 2013 में भारत में कुल सरकारी व्यय का केवल 6 प्रतिशत हिस्सा कृषि-क्षेत्र पर व्यय हुआ जबकि भूटान ने अपने कुल सरकारी व्यय का 13.6 प्रतिशत हिस्सा कृषि-क्षेत्र पर खर्च किया बांग्लादेश के लिए...
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कन्हैया नहीं, जॉब की कमी खतरा-- गुरुचरण दास
भारतीय राजनीतिक जीवन अजीब और विडंबनाअों से भरा है। छात्र नेता कन्हैया कुमार को राजद्रोह और राष्ट्र-विरोधी आचरण के आरोप में गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी ने उन्हें हीरो बना दिया। इसे असहमति व्यक्त करने की स्वतंत्रता का प्रतीक माना गया। गृह मंत्री ने गिरफ्तारी का यह गलत तर्क देकर बचाव किया कि असाधारण लोकतांत्रिक देश अमेरिका भी राष्ट्र विरोध को सहन नहीं करता। गिरफ्तारी पर लगातार विरोध ने मीडिया का...
More »देश की 585 मंडियां ई-ट्रेडिंग से जुड़ेंगी
कुरुक्षेत्र/बाबैन/लाडवा, 6 अप्रैल (हप्र/निस) देश की 585 मंडियों को ई-ट्रेडिंग के साथ जोड़ा जाएगा। किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिये सरकार फल व सब्जी के उत्कृष्ट केंद्रों का व्यवसायीकरण की योजना तैयार कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 अप्रैल को देश की बड़ी मंडियों से इस परियोजना को शुरू करेंगे। इस परियोजना में हरियाणा की मंडियों को भी शामिल किया गया है। इसके अलावा देश में कम पानी में...
More »मानसून रहा मेहरबान तो 7.6 फीसद रहेगी रफ्तार
नई दिल्ली। रिजर्व बैंक का मानना है कि अगर मानसून मेहरबान रहा तो चालू वित्त वर्ष 2016-17 में देश की आर्थिक विकास दर 7.6 फीसद तक पहुंच सकती है। आरबीआई ने महंगाई की दर में अगले दो साल में वृद्धि की आशंका भी जताई है। हालांकि इस वर्ष में महंगाई की दर पांच फीसद के स्तर पर बने रहने की ही संभावना है। चालू वित्त वर्ष की पहली कर्ज नीति का...
More »सूखा और जल संसाधन प्रबंध-- बिभाष
महाराष्ट्र फिर सूखे के चपेट में है. बुंदेलखंड पहले से ही समाचारों में बना हुआ है. खेती और किसानों को लेकर रोज बुरी खबरें आ रही हैं. महाराष्ट्र में पानी की कमी का लगातार तीसरा साल है. बुंदेलखंड में भी सूखे का चौथा साल चल रहा है. खेती बुरी तरह से संकट में है. दरअसल, पूरा मामला जल और भूमि के कुप्रबंध का है. देश में हर साल कहीं...
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