मनीष पाराशर, इंदौर। ज्यादातर लोग या तो अपने लिए काम करते हैं या परिवार के लिए। इस भाग-दौड़ भरी जिंदगी में कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने दूसरों की जिंदगी भी संवारने का जिम्मा उठा रखा है। ये कोई धनवान नहीं, बल्कि दिनभर रोड पर चलने वाले ऑटो ड्राइवर हैं। कोई बच्चों के लिए चलती-फिरती संस्कार की पाठशाला चलाता है तो कोई बेसहारा बुजुर्गों की मदद के लिए हमेशा तैयार...
More »SEARCH RESULT
बेटे के इलाज के लिए नहीं मिली सरकारी मदद, पिता ने की खुदकुशी
देवभोग। जिंदगी अब खत्म कर देने की सोच रहा हूं। शासन-प्रशासन से भी इच्छामृत्यु मांगी थी, लेकिन वहां से भी कोई जवाब नहीं आया। मदद की उम्मीद अब शासन-प्रशासन से करना ही बेकार है। पांच सालों से बिस्तर पर पड़े-पड़े किसी तरह जिंदगी जी रहा हूं। आज जिंदगी को थामकर चलाने वाले मेरे पिता ने भी जिंदगी से हार मान ली और फांसी लगा ली। ये शब्द नम आंखों से...
More »नक्सलवाद का समाधान, निजी क्षेत्र में आरक्षणः पासवान
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ रामविलास पासवान ने कहा है कि समाज को शक्तिशाली बनाने के लिए हर वर्ग का निश्चित प्रतिनिधित्व होना चाहिए और इसके लिए निजी क्षेत्र में भी आरक्षण की ज़रूरत है. पासवान ने कहा कि उनकी पार्टी निजी क्षेत्र में आरक्षण की मांग करती रहेगी. उनका कहना है कि ये अलग मुद्दा है कि ऐसा क़ानून बनाकर हो या फिर निजी कंपनियां ख़ुद ही इसके लिए...
More »संवेदनशील बने मुआवजे का तंत्र- योगेन्द्र यादव
राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में किसान ओलावृष्टि का मुआवजा मांगने कलेक्टर के पास गए। मुआवजे के बदले उन्हें मिली गालियां और गिरफ्तारी की धमकियां। इसमें कुछ नई बात नहीं है। किसानों को आए दिन सरकारी दफ्तरों में अपमान झेलना पड़ता है। नई बात सिर्फ यह थी कि इस घटना का वीडियो बना और टी.वी. पर चल गया। इस बहाने देश का ध्यान रबी की फसल के नुकसान और मुआवजे की...
More »एक और चिपको आंदोलन की जरूरत-- अनूप नौटियाल
पर्यावरण और हरियाली बचाने को लेकर जब भी बात की जाती है, तो उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र में 1970 के दशक के 'चिपको आंदोलन' का जिक्र होना स्वाभाविक है। पहाड़ के जंगलों को बचाने के लिए अलख जगाने वाली गौरा देवी और उनके सहयोगी इस आंदोलन के जनक और प्रेरणाश्रोत के रूप में देश-दुनिया में पहचाने जाते हैं। उत्तराखंड के दूर-दराज के जिले चमोली की ग्रामीण महिलाओं के अथक प्रयासों...
More »