जनसत्ता 8 फरवरी, 2013: बीते दिनों जब प्रधानमंत्री के मुख्य आर्थिक सलाहकार सी रंगराजन ने सकल घरेलू उत्पाद के मुकाबले कर-अनुपात बढ़ाने के लिए अमीरों पर ऊंची दर से कर लगाए जाने की बात कही तो उनका यह बयान सीधे तौर पर दो घटनाओं से प्रभावित रहा होगा। पहली घटना का संबंध अमेरिका से है, जहां पिछले बीस सालों में पहली बार अमेरिकी सीनेट ने अमीरों पर कर बढ़ाने के प्रस्ताव को...
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2012-13 में आर्थिक वृद्धि दर 5% रहने का अनुमान
नयी दिल्ली । चालू वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर घटकर पांच प्रतिशत पर आने का अनुमान लगाया है जो एक दशक में सबसे निचला स्तर है। विनिर्माण, कृषि एवं सेवा क्षेत्र के खराब प्रदर्शन के चलते वृद्धि दर का अनुमान घटाया गया है। केंद्रीय सांख्यिकी संगठन :सीएसओ: द्वारा व्यक्त किया गया यह अनुमान सरकार और रिजर्व बैंक के अनुमान से भी काफी कम है। सीएसओ द्वारा आज जारी किए गए...
More »छोटे किसानों में बढ़ाया जाएगा मशीनों का चलन
नई दिल्ली [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। दूसरी हरित क्रांति को सफल बनाने के लिए फसलों की उत्पादकता बढ़ाना और उत्पाद को खेत से खलिहान तक सुरक्षित पहुंचाना जरूरी हो गया है। इस सिलसिले में सरकार खेती में मशीनों के उपयोग को बढ़ावा देने पर विचार कर रही है। इसके लिए एक मिशन शुरू करने की तैयारी है। इसमें छोटी जोत वाले किसानों को स्वयं सहायता समूहों के जरिये खेती में मशीनों का...
More »इस साल भी गेहूं की होगी बंपर पैदावार
नई दिल्ली। पिछले साल की तरह इस साल भी गेहूं की बंपर पैदावार होने का अनुमान है। यह वर्ष 2012 के 9.39 करोड़ टन के बराबर ही रह सकती है। हालांकि, सरकार ने इसकी पैदावार 8.6 करोड़ टन रहने का ही अनुमान लगाया गया है। मगर कृषि सचिव आशीष बहुगुणा के मुताबिक अगर अगले दो महीने तक मौसम अनुकूल रहता है तो इसमें और बढ़ोतरी की पूरी संभावना है। उन्होंने कहा...
More »भुखमरी और कुपोषण के बीच संसद की स्थायी समिति की नई रिपोर्ट
भुखमरी और कुपोषण को मिटाने के मामले में देश कौन से कदम उठाये, इस बारे में जारी बहस को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा बिल की समीक्षा के लिए बनी स्थायी समिति की रिपोर्ट ने नए सिरे से छेड़ दिया है। गौरतलब है कि रिकार्डतोड़ अन्न-उपार्जन और साल-दर साल बनी रहने वाली उच्च वृद्धि दर के बावजूद कुपोषण और भुखमरी को मिटाने के मामले में भारत का रिकार्ड संतोषजनक नहीं रहा है।...
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