बाल विवाह व दलालों की खिलाफत करनेवाली गुमला की विरशमुनी कुमारी व ममता कुमारी की चर्चा पूरे राज्य में है. चैनपुर की सुनीता की कुरबानी भी आदर्श है, जिसने नक्सलियों के साथ से ज्यादा पढ़ाई को महत्व दिया. जान गवां दी, पर झुकी नहीं. असामाजिक तत्वों के खिलाफ शिक्षा की मशाल जला यहां की बेटियां समाज को बदलाव की नयी राह दिखा रही हैं. गुमला से लौट कर जीवेश ...
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आज भी मुख्यधारा से कटे हैं सरयू के लोग, तबीयत हुई खराब, तो बचना मुश्किल
इस इलाके में रहनेवाले लोगों के बेटे-बेटियों के लिए रिश्ते नहीं आते. तत्कालीन केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने कहा था, चार माह में यहां दिखेगा बदलाव, लेकिन हालात यह है कि यहां जीवन काटना भी मुश्किल है. फिर भी लोग यहां बसर कर रहे हैं इस उम्मीद में कि कभी तो उनके भी दिन बहुरेंगे. ।। सरयू से लौट कर जीवेश ।। चारों ओर से पहाड़ियों से घिरा लगभग दो...
More »धनाढ्य-भव्यता में संस्कृति कहां!-- उर्मिलेश
यह बात बिल्कुल समझ में नहीं आती कि आधुनिक दौर के हमारे धर्माचार्य या बाबा अपने जीवन या कर्म में सहजता, शालीनता और सादगी जैसे मूल्यों को अपनाने के बजाय राजाओं-महाराजाओं, सामंतों या नवधनाढ्यों जैसी महंगी चमक-दमक, विराटता या भव्यता क्यों पसंद करने लगे हैं? क्या श्री श्री रविशंकर का विश्व सांस्कृतिक महोत्सव झारखंड, बिहार, यूपी, कनार्टक, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश या हरियाणा के किसी खाली इलाके में नहीं...
More »श्रीश्री ने कहा- हम असमर्थ हैं, इतने जल्दी नहीं भर सकते पांच करोड़ का जुर्माना
श्रीश्री रविशंकर की संस्था आर्ट ऑफ लिविंग के कार्यक्रम पर लगे पांच करोड़ के जुर्माने पर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण में आज हुई सुनवाई में संस्था ने साफ कर दिया है कि वो जुर्माने की राशि को इतनी जल्दी नहीं भर सकते। एओएल ने एनजीटी को जवाब देते हुए कहा है कि वह एक चैरिटेबल संस्था है जिसके लिए दो दिन के अंदर पांच करोड़ का इंतजाम करना आसान नहीं है। संस्था...
More »बड़ा सवाल बीमार बैंकों का है- प्रमोद जोशी
विडंबना है कि जब देश के 17 सरकारी बैंकों के कंसोर्शियम ने सुप्रीम कोर्ट में रंगीले उद्योगपति विजय माल्या के देश छोड़ने पर रोक लगाने की मांग की, तब तक माल्या देश छोड़ चुके थे. अब सवाल बैंकों से किया जाना चाहिए कि उन्होंने क्या सोच कर माल्या को कर्जा दिया था? हाल में देश के 29 बैंकों से जुड़े कुछ तथ्य सामने आये, तो हैरत हुई कि यह...
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