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स्वान रिपोर्ट: कोविड-19 की दूसरी लहर में भी प्रवासी मजदूर बेरोजगारी, कर्ज, भुखमरी और अनेकों अनिश्चितताओं में जीवन यापन करने के लिए मजबूर हुए!

कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के रूप में, देश के लगभग 92 प्रतिशत श्रमिक (जिनके पास सामाजिक सुरक्षा जाल तक पहुंच नहीं है) एक ऐतिहासिक और अभूतपूर्व संकट का सामना कर रहे हैं. एक साल से भी कम समय में लगातार दूसरी बार देश में लॉकडाउन हुआ है. 20 अप्रैल, 2021 को, देश भर के 10 राज्यों में आंशिक लॉकडाउन और दिल्ली में पूर्ण लॉकडाउन लगाया गया. 8 मई, 2021...

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दिल्ली के निजी स्कूलों में कम हो रहे नए दाख़िले, उनका ख़र्च नहीं उठा सकते कोविड प्रभावित परिवार

-द प्रिंट, 36 वर्षीय ममता देवी दक्षिणी दिल्ली के एक घर में काम करती है, जिसे अपने तीन बच्चों को पढ़ाना है, लेकिन सीमित साधनों के साथ. महामारी में उसकी स्थिति और बिगड़ गई है. सिक्योरिटी गार्ड का काम करने वाले उसके पति की, पिछले एक साल में कई बार नौकरी छूटी, जिससे उनकी पारिवारिक आय, पहले के 1.5 लाख से घटकर, सिर्फ एक लाख से कुछ ज़्यादा पर आ गई. आय में...

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तिहाड़ जेल से नताशा और देवांगना के उम्मीद और प्रतिरोध के खत

-कारवां, फरवरी 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा के संबंध में एक साल पहले महिला अधिकार संगठन पिंजरा तोड़ की सदस्य नताशा नरवाल और देवांगना कलिता को गिरफ्तार किया गया था. हाल ही में दोनों को दिल्ली हाई कोर्ट ने जमानत दे दी है. कलिता और नरवाल जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में क्रमशः महिला अध्ययन और ऐतिहासिक अध्ययन केंद्रों में डॉक्टरेट की छात्राएं हैं. वे 2019 के नागरिकता (संशोधन) अधिनियम...

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कृषि मंत्री तोमर बोले- किसानों से बात होगी लेकिन क़ानूनों पर नहीं, टिकैत ने बताया- सरकार का 'साहूकारी अंदाज़'

-बीबीसी, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि सरकार आंदोलनकारी किसानों से 'बात करने को तैयार' है लेकिन चर्चा 'तीन क़ानूनों को रद्द करने के मुद्दे पर नहीं होगी.' केंद्र सरकार ने किसान आंदोलन के दौरान कथित आपराधिक घटनाओं को लेकर भी सवाल उठाए हैं. भारतीय जनता पार्टी ने भी ऐसे आरोपों पर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि 'लोकंतत्र में अपराध के लिए कोई जगह नहीं है.' वहीं,...

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वक्त के साथ बदल गई हमारी नींद की आदत

नींद हम सबके लिए जरूरी है। आमतौर पर माना जाता है कि सात से आठ घंटे की एकमुश्त नींद स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। लेकिन क्या एकमुश्त नींद हमेशा से हमारी दिनचर्या का हिस्सा रही है? और क्या आठ घंटे की लगातार नींद प्राकृतिक है? अगर हम अतीत में झांकें तो पाएंगे कि हमारी नींद की प्रकृति काफी हद तक बदल चुकी है। करीब 200 साल पहले तक हम एकमुश्त...

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