अगर चंपारण और रूस की क्रांति के लिए प्रसिद्ध 1917 देश और दुनिया में संभावनाएं खुलने का वर्ष था, तो 2017 देश और दुनिया के सिकुड़ने का साल माना जायेगा. यह साल संभावनाओं के सिकुड़ने का साल था और संवेदनाओं के सिमटने का साल था. बीते साल में भाजपा का विस्तार और लोकतंत्र का पराभव जारी रहा. भाजपा चुनाव भी जीती और राजनीति के खेल भी. उत्तर प्रदेश में...
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किस हाल में है देश के बुजुर्ग , 2016 में कितने हुए बुजुर्गों के खिलाफ अपराध, पढ़ें इस न्यूज एलर्ट में..
बीते तीन सालों में देश की बुजुर्ग आबादी के खिलाफ हुई अपराध की घटनाओं में लगातार इजाफा हुआ है. नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के नये आंकड़ों के मुताबिक 2016 में 60 साल या इससे ज्यादा उम्र के नागरिकों के खिलाफ देश में कुल 21,410 मामले प्रकाश में आये. साल 2014 में बुजुर्ग लोगों के खिलाफ अपराध के कुल 18,714 मामले प्रकाश में आये थे जबकि 2015 में ऐसे अपराधों की संख्या 9.7 प्रतिशत...
More »अगले 20 साल तक आठ प्रतिशत की दर से वृद्धि कर सकता है भारत: संयुक्त राष्ट्र के एक्सपर्ट
वॉशिंगटन भारत अपने लोगों के जीवनयापन का स्तर सुधार कर तथा निवेश को प्रोत्साहित कर अगले दो दशक तक आठ प्रतिशत की दर से वृद्धि कर सकता है। संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ आर्थिक अधिकारी ने यह बात कही। संयुक्त राष्ट्र में आर्थिक मामलों के अधिकारी सेबास्टियन वर्गारा ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था मुख्यत: सकारात्मक है और वृद्धि के अनुकूल है। उन्होंने कहा कि संभावनाओं को हासिल करने के लिए...
More »बढ़ती अशांति और भ्रांति से बेचैन - मृणाल पांडे
साल 2017 समाप्ति पर है, लेकिन नई सदी के उपजाए सरदर्द घट नहीं रहे। पाकिस्तान में हर दो-तीन महीनों के भीतर कट्टरपंथी गुट उदारवादी लोकतांत्रिक मूल्यों को मानव बम से उड़ा रहे हैं। म्यांमार में बौद्ध बहुसंख्य जनता द्वारा रोहिंग्या मुस्लिमों को जबरन भेड़-बकरियों की तरह देश से बाहर हांक दिया गया है और वे हर पड़ोसी देश की सीमा पर बेघर बने डांय-डांय डोल रहे हैं। पहले से ही...
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साल 2017 समाप्ति पर है, लेकिन नई सदी के उपजाए सरदर्द घट नहीं रहे। पाकिस्तान में हर दो-तीन महीनों के भीतर कट्टरपंथी गुट उदारवादी लोकतांत्रिक मूल्यों को मानव बम से उड़ा रहे हैं। म्यांमार में बौद्ध बहुसंख्य जनता द्वारा रोहिंग्या मुस्लिमों को जबरन भेड़-बकरियों की तरह देश से बाहर हांक दिया गया है और वे हर पड़ोसी देश की सीमा पर बेघर बने डांय-डांय डोल रहे हैं। पहले से ही...
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