-न्यूजक्लिक, चार दशकों में जो न हो पाया ......चार वर्षों में कर दिखाया प्रधानमंत्री जी का विजन हो साकार....... काम दमदार योगी सरकार" क्योंकि पिछले कुछ दिनों से उत्तर (प्रश्न) प्रदेश की सरकार का यह प्रिय स्लोगन बना हुआ है, इसलिए शुरुआत इसी से करना बेहतर है। अब यह बताते चलें कि आखिर क्यों यह स्लोगन यूपी सरकार का प्रिय बना हुआ है, कारण है योगी सरकार का बीते...
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कॉरपोरेट टैक्स दरों को घटाने के बावजूद भी कॉरपोरेट क्षेत्र के लिए नियमित रूप से टैक्स छूट और प्रोत्साहन जारी
अक्सर यह मुख्यधारा के अर्थशास्त्रियों द्वारा तर्क दिया जाता है कि हर साल केंद्रीय बजट का एक बड़ा हिस्सा बर्बाद हो जाता है क्योंकि सरकार खाद्य और उर्वरक सब्सिडी पर खर्च करती है. पूरे बजट के साथ-साथ सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के सापेक्ष इन दोनों सब्सिडी के डेटा का उपयोग अक्सर इस तर्क को बल देने के लिए किया जाता है कि आर्थिक के साथ ही साथ देश की पर्यावरणीय...
More »इंटरव्यू- कृषि कानूनों को मोदी सरकार ने नाक का सवाल बनाया, बीजेपी को होगा 80 से ज्यादा सीटों का नुकसानः हनुमान बेनीवाल
-गांव कनेक्शन, ष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक और नागौर लोकसभा सीट से सांसद हनुमान बेनीवाल एक किसान नेता के तौर जाने जाते हैं। केन्द्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों के विरोध में बेनीवाल ने एनडीए गठबंधन से भी नाता तोड़ लिया। संसद की जिन तीन समितियों में शामिल थे, उनसे भी इस्तीफा दे दिया। इसके बाद बेनीवाल शाहजहांपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन को सपोर्ट कर रहे हैं। उनका कहना है कि...
More »भारत और चीन में सिंचाई के लिए पानी की बढ़ती मांग से गहराएगा भू-जल का संकट : यूएन रिपोर्ट
-डाउन टू अर्थ, एशिया और प्रशांत क्षेत्र दुनिया की 60 फीसदी आबादी का बसेरा है लेकिन इसमें महज 36 फीसदी आबादी के पास ही पानी के संसाधन है। इस क्षेत्र में ताजे पानी की आपूर्ति और अन्य कार्यों के लिए भू-जल पर निर्भरता बढ़ती जा रही है। वहीं वर्ष 2050 तक भू-जल की निकासी 30 फीसदी तक बढ़ जाएगी। खासतौर से कृषि क्षेत्र में सिंचाई के लिए लगातार जल की मांग बढ़ती जा...
More »मोदी सरकार के आने बाद से नहीं हुआ किसानों की आमदनी का सर्वे
-न्यूजलॉन्ड्री, एक तरफ जहां केंद्र सरकार साल 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने की बात कर रही है वहीं दूसरी तरफ साल 2013 के बाद से राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने किसानों की आय को लेकर अपनी रिपोर्ट प्रकाशित नहीं की है. यानी नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद से किसानों की आमदनी को लेकर कोई सर्वेक्षण नहीं किया गया है. बीते 8 फरवरी को कई सांसदों ने सामूहिक...
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