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बबुआ से बड़ा झुनझुना- विनोद कुमार

जनसत्ता 21 जुलाई, 2014 : आजादी के बाद हमने वयस्क मताधिकार पर आधारित भारतीय गणराज्य की स्थापना की। मूल अवधारणा यह रही कि हम एक ऐसी व्यवस्था बनाएंगे जिसके केंद्र में रहेगा देश का नागरिक। विधायिका उसके हित में कानून बनाएगी, कार्यपालिका उन कानूनों के दायरे में नागरिकों को एक विधि-सम्मत सुशासन मुहैया कराएगी, सेना बाह्य दुश्मनों से देश की सुरक्षा की गारंटी करेगी, पुलिस नागरिकों के जान-माल की रक्षा करेगी।...

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पांच वर्षो में 32,199 गांव पक्की सड़कों से जुड़ेंगे

पटना : बिहार के 32, 199 गांव अगले पांच वर्षो में बारहमासी एकल पक्की सड़कों से जुड़ेंगे. यह घोषणा बुधवार को विधानसभा में ग्रामीण कार्य मंत्री श्रावण कुमार ने विभाग की अनुदान मांगों पर बहस के दौरान की. सदन ने ध्वनिमत से विभाग की 12 अरब, 92 करोड़, 86 लाख और 10 हजार की अनुदान मांगे पारित कर दी. मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष सदन से वाकआउट कर...

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परेशान हैं 50 गांव के लोग- दीनबंधु

चतरा : लावालौंग प्रखंड में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना से तहत बनने वाली कई सड़कों का निर्माण तीन-चार वर्ष से बंद है़ सड़कों पर बोल्डर निकल आने के कारण लोगों को आने-जाने में काफी परेशानी हो रही है़ बोल्डर निकल आने के कारण वाहन नहीं चल रहे हैं़ इससे लोगों को कोसों पैदल चलना पड़ रहा है़ बच्चों को स्कूल आने-जाने में भी काफी परेशानी हो रही है़ प्रखंड के 50...

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विकास के मॉडल का सवाल- के पी सिंह

जनसत्ता 22 मई, 2014 : चुनाव प्रचार के दौरान विकास के बहुतेरे मॉडल विभिन्न राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों की ओर से प्रस्तुत किए गए। इससे पहले के चुनावों में भी विकास का कोई न कोई खाका पेश करके राजनीतिक दल मतदाताओं का विश्वास हासिल करते रहे हैं। इसके बावजूद ग्रामीण और दुर्गम पहाड़ी अंचलों में अधिकतर नागरिक आज भी स्वच्छ पेयजल और अन्य मूलभूत सुविधाओं के अभाव में जी रहे...

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नयी सरकार के सामने गांव के पुराने मुद्दे- पंचायतनामा डेस्क

16 मई को देश में लोकसभा चुनाव का परिणाम आ गया है. देश को भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार मिलने जा रही है. भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने चुनाव अभियान के दौरान अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर राजनीतिक हमले के साथ विकास के मुद्दे को फोकस किया. उन्होंने कृषि, ग्रामीण रोजगार, शौचालय जैसे अहम मुद्दों की चर्चा प्रचार अभियान के दौरान की. हम अपनी आमुख कथा में गांव-पंचायत...

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