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चीन के ‘चमत्कारी’ आर्थिक वृद्धि के दौर को खत्म कर सकता है एवरग्रांदे कंपनी का संकट

-द प्रिंट, एक अकेले देश के बतौर वैश्विक अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा योगदान चीन ही करता है. दुनिया के मैनुफैक्चरिंग अड्डे के रूप में और व्यापार में सबसे अग्रणी देश के रूप में वह वैश्विक मांग में बदलाव लाने में भी मुख्य भूमिका निभाता है. यही नहीं, वह लगभग हर वस्तु का व्यापार करता है. इस साल चीन वैश्विक आर्थिक वृद्धि में एक तिहाई से ज्यादा का योगदान करने वाला है. इन...

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उज्जवला योजना के लिए पीएम ने की थी इस गांव की तारीफ, 50 फीसदी परिवार तंगहाल, न गैस, न गोबर

-डाउन टू अर्थ, बिहार की राजधानी पटना से 200 किलोमीटर दूर मधुबनी जिला के झंझारपुर अनुमंडल में स्थित सुखैत गांव में कुल 104 परिवार हैं। इस गांव में दो परिवारों को छोड़कर सभी गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले हैं। आजीविका के लिए महानगरों में अनौपचारिक श्रम पर मजबूर इस गांव के घरों में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत मिलने वाले गैस सिलेंडर खाली रखे हैं और घरों से...

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देश की जरूरत को अनदेखा कर भारत में निर्मित जॉन्सन एंड जॉन्सन वैक्सीन की 60 करोड़ खुराक पश्चिमी देशों को देने की तैयारी?

-कारवां,  ऐसे समय में जब भारत अपने ही नागरिकों का टीकाकरण पर्याप्त रूप से नहीं कर पा रहा है, हैदराबाद में निर्मित जॉन्सन एंड जॉन्सन सिंगल-शॉट टीकों की 60 करोड़ खुराकें यूरोप तथा अमेरिका को निर्यात करने पर विचार हो रहा है. इस बात को लेकर नागरिक समाज चिंतित है. यहां सितंबर में लगभग हर दिन कोरोना के 30 से 40 हजार नए मामले दर्ज किए गए हैं. अब तक देश की केवल 14...

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क्या वाकई देश में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराधों में कमी आई है?

-न्यूजक्लिक, देश के तमाम अलग-अलग राज्यों से दुष्कर्म, यौन हिंसा और महिलाओं के शोषण-उत्पीड़न की खबरों के बीच नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो यानी एनसीआरबी की हालिया रिपोर्ट सामने आने के बाद चारों ओर देश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में कमी की सुर्खी छाई हुई है। एनसीआरबी ने साल 2020 में देश में हुए अपराधों का डेटा जारी किया है। इसमें महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों को लेकर 2019 की...

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दलहन के पारंपरिक किसानों का समर्थन करने से मिल सकती है दालों की आत्मनिर्भरता

-डाउन टू अर्थ, दालों की जमाखोरी हमेशा महंगाई लेकर आती है। दालों की महंगाई जमाखोरी का एक संकेतक बन गई है। शायद इसी भय से बीच-बीच में कानून में फेरबदल और बदलाव होते हैं। स्वतंत्र व कानून मामलों की शोधार्थी व नीति विशेषज्ञ शालिनी भुटानी का यह आलेख इन्हीं परेशानियों की तहें खोल रहा है :  भारत सरकार स्पष्ट रूप से जमाखोरी को लेकर चिंतित है, जो ऐसे समय में दालों की...

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