महासमुंद। महासमुंद जिला मुख्यालय से 53 किमी दूर बागबाहरा ब्लॉक के मोखा में किसान मंथिर सिंह ध्रुव ने गुरुवार सुबह फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजन इसकी वजह 5-6 लाख रुपए के कर्ज को बता रहे हैं, जबकि तहसीलदार इस बात से इनकार कर रहे हैं। पखवाड़ेभर में प्रदेश में किसान की खुदकुशी का यह तीसरा मामला है। इससे पहले राजनांदगांव, कवर्धा और दुर्ग जिले में 3 किसानों ने खुदकुशी...
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दबाव और द्वंद्व में पिसते मासूम-- ज्योति सिडाना
आजकल युवाओं का अच्छी नौकरी और उच्च वेतन पाने से संबंधित अलग-अलग तरह के दबावों के कारण आत्महत्या करना कुछ-कुछ समझ में आता है, लेकिन स्कूल में पढ़ने वाले छोटे-छोटे बच्चों की आत्महत्याएं समझ से परे हैं, क्योंकि इनके कारण गैर-तार्किक ही नहीं, बल्कि अर्थहीन भी होते हैं। उन्हें अपनी हर समस्या का एक ही हल नजर आता है- आत्महत्या कर लेना। उपभोक्तावाद ने एक-दूसरे की समस्याएं समझने की शैली...
More »विश्व अस्थमा दिवस कल : पुरुषों की तुलना में महिलाएं अस्थमा से ज्यादा पीड़ित
बदलती जीवन शैली युवाओं के लिए खतरा बन गयी है. शहरों में खत्म होते खेल मैदान से बढ़ा इनडोर गेम्स का चलन युवाओं को अस्थामा का मरीज बना रहा है. अस्थामा के मरीजों में अब युवाओं और बच्चों की संख्या बड़ों से दोगुनी हो गयी है. विशेषज्ञों की मानें तो खेल मैदान की कमी के चलते युवा इनडोर गेम्स को प्राथमिकता दे रहे हैं. इनडोर गेम्स के दौरान घर...
More »बचा लें अपने बच्चों का बचपन-- आशुतोष चतुर्वेदी
पहले तनाव सिर्फ वयस्क लोगों में होता था, लेकिन अब इसकी चपेट में बच्चे भी आ गये हैं. बच्चों में तनाव सबसे अधिक पढ़ाई को लेकर है, माता-पिता से संवादहीनता को लेकर है. परिवार, स्कूल और कोचिंग में वे तारतम्य स्थापित नहीं कर पाते और तनाव का शिकार हो जाते हैं. हमारी व्यवस्था ने उनके जीवन में अब सिर्फ पढ़ाई को ही रख छोड़ा है. रही सही कसर टेक्नोलॉजी ने...
More »पूर्ण साक्षरता का सपना -- रिजवान निजामुद्दीन अंसारी
कई देशों ने बीसवीं सदी में ही संपूर्ण साक्षरता के लक्ष्य को पा लिया और अपने समाज में शिक्षा के औसत स्तर को भी ऊपर उठाया। लेकिन भारत अब भी पूर्ण साक्षर नहीं हो सका है। एक तरफ हम ज्ञान आधारित समाज और डिजिटल इंडिया की बात करते हैं, लेकिन इस कड़वी सच्चाई को नजरअंदाज कर जाते हैं कि साक्षरता और शिक्षा के लिहाज से हमारे समाज की तस्वीर कैसी...
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