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‘रोनू’ ने मचायी आंध्र में तबाही, अगली बारी किसकी

नेलोर (आंध्र प्रदेश) / भुवनेश्वर : गहरे दवाब का क्षेत्र बनने से आये तेज चक्रवाती तूफान ‘रोनू' की वजह से आंध्र प्रदेश के नेलोर जिले में काफी जान माल की क्षति हुई है. जगह-जगह पेड़ और बिजली के खंभे टूट कर गिर गये हैं. भारी बारिश और तेज हवाओं की वजह से बहुत नुकसान हुआ है. तेज हवाओं ने जहां पेड़ को जड़ से उखाड़ दिया है वहीं शहर...

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किसानों के अनुभव : समाज को निबटना होगा सूखे से, सरकार के भरोसे नहीं

लगातार दो कमजोर मॉनसून और लापरवाह जल-प्रबंधन के कारण देश में सूखे का संकट उत्तरोत्तर गंभीर होता जा रहा है. देश की करीब आधी आबादी सूखा और जल-संकट की चपेट में है. कई इलाकों में तो दो साल से अधिक समय से यह स्थिति व्याप्त है. अत्यंत गंभीर रूप से प्रभावित क्षेत्रों से बड़ी संख्या में ग्रामीण पलायन को मजबूर हैं. सरकारी तंत्र इस विपदा से निबटने में न सिर्फ...

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सूखा और जल संसाधन प्रबंध-- बिभाष

महाराष्ट्र फिर सूखे के चपेट में है. बुंदेलखंड पहले से ही समाचारों में बना हुआ है. खेती और किसानों को लेकर रोज बुरी खबरें आ रही हैं. महाराष्ट्र में पानी की कमी का लगातार तीसरा साल है. बुंदेलखंड में भी सूखे का चौथा साल चल रहा है. खेती बुरी तरह से संकट में है. दरअसल, पूरा मामला जल और भूमि के कुप्रबंध का है. देश में हर साल कहीं...

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डीबीटी का कमाल, सीधे बैंक में पहुंची राहत

तमिलनाडु में बाढ़ के 32 दिन बाद बांट दी गयी 700 करोड़ की राहत वर्ष 2015 जाते-जाते तमिलनाडु के कई जिलों को बाढ़ का ऐसा दर्द दे गया, जिसे बाढ़ पीड़ित आसानी से नहीं भूल पायेंगे. लेकिन, वर्ष 2016 की शुरुआत ने उन्हें ऐसी खुशी दी, जिसकी उन्होंने कल्पना नहीं की थी. बाढ़ पीड़ितों को महज 32 दिन में मुआवजा मिल गया. यह संभव हो पाया एक योजना से,...

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अहम साल रहा 2015, घातक पर्यावरणीय बदलावों के लिहाज से

बीता वर्ष 2015 अब तक का सबसे गर्म साल रहा है. हालांकि, पिछले करीब एक दशक में कई वर्ष ऐसे रहे हैं, जो उस समय तक सबसे गर्म साल के रूप में आंके गये, लेकिन वर्ष 2015 को इसलिए भी अहम माना जा रहा है, क्योंकि क्लाइमेट चेंज के लिहाज से विशेषज्ञों ने इसे 'टिपिंग प्वाइंट' करार दिया है. क्या इंगित करता है यह टिपिंग प्वाइंट, क्यों जतायी जा रही...

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