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रामचंद्र गुहा : जो अकेले हैं लेकिन ऐसी आवाज भी जिसे लाखों अपनी मान सकते हैं

रामचंद्र गुहा उन समकालीन इतिहासकारों में से हैं जो किसी विशेष दल या पंथ के पक्षधर न होकर सचाई के पक्षधर हैं. सचाई जैसी उन्हें दीख पड़ती है वे उसका वैसा बखान और विश्लेषण करते हैं. वे हमारे उन थोड़े से सार्वजनिक बुद्धिजीवियों में से हैं जो हमें पूरी बेबाकी से बताते रहते हैं कि हम क्या कर और क्या नहीं कर रहे हैं, कि हमारी नायक-छवियों की असलियत क्या...

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कफन, चिता और सत्याग्रह!-- नासीरुद्दीन

रिचर्ड एटनबरॉ की फिल्म ‘गांधी' में रोंगटे खड़े कर देनेवाले दो-तीन सीन हैं. पहला, दक्षिण अफ्रीका में गांधी जी की अपील पर सत्याग्रह का पहला प्रयोग हो रहा है. अंगरेज फौजी उन्हें बेदर्दी से मारते हैं. घोड़े दौड़ाते हैं. फिर भी वे सत्याग्रह से डिगते नहीं हैं. दूसरा, जालियांवाला बाग में सभा हो रही है. हजारों लोग जमा हैं. अंगरेज फौज आती है. गोलियां चलायी जाती हैं. लोग बचने...

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बिहार में शराबबंदी का नया कानून आज से लागू

पटना : बिहार में शराबबंदी का नया कानून गांधी जयंती के दिन दो अक्तूबर से लागू हो जायेगा. इसकी अधिसूचना रविवार की सुबह जारी हो जायेगी. इसकी घोषणा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की. शराबबंदी पर एक दिन पहले पटना हाइकोर्ट के फैसले के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहली बार इस मामले पर बोलते हुए कहा कि शराब का कारोबार नैतिक नहीं था. इस अनैतिक व्यापार से पांच हजार करोड़...

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इरोम के मुद्दों से भागता समाज-- उर्मिलेश

सोलह साल बाद अपना ऐतिहासिक अनशन तोड़नेवाली मणिपुर की 44 वर्षीया इरोम शर्मिला चानू के बारे में हर कोई बात कर रहा है, पर ज्यादा लोगों की रुचि उस मुद्दे में नहीं दिखती, जिसके लिए इरोम ने अपनी जिंदगी दावं पर लगा दी. यह संयोग नहीं कि हर विचार, रंग और धारा के राजनेता और दल आमतौर पर उनके अभियान पर खामोश रहे. मीडिया यदा-कदा उनके बारे में छापता-दिखाता...

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जातीय संरचना, अहिंसा और अंबेडकर-- अजमेर सिंह काजल

आधुनिक काल में ज्योतिबा फुले और बाबा साहेब आंबेडकर ने शासन, सत्ता और संस्कृति के विभिन्न केंद्रों में मौजूद जातीय सैद्धांतिकी को चुनौती देकर ऐतिहासिक कार्य किया। सामाजिक समानता का जो अहसास बाबा साहेब आंबेडकर को संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन में पढ़ते हुए हुआ, वह हमारे लोकजीवन में कहीं नहीं था। इसलिए शिक्षा प्राप्ति के बाद भारत वापस आने पर उन्होंने इसी लोक जीवन में व्याप्त सदियों पुरानी बीमारियों...

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