चंबा/शिमला. प्रदेश में राशनकार्ड और गैस कनेक्शन में भारी गोलमाल चल रहा है। करीब साढ़े डह लाख उपभोक्ता सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत फर्जीवाड़े से सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं। इससे सरकार को हर माह लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है। खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री रमेश धवाला ने चंबा में एक औचक निरीक्षण के बाद प्रदेश में चल रही इस धांधली का खुलासा किया। धवाला ने बताया कि वर्तमान में...
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अमीरी रेखा की जरूरत- सुनील
जनसत्ता 12 दिसंबर, 2011 : कुछ माह पहले जब योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने सर्वोच्च न्यायालय में हलफनामा दिया कि शहरों में बत्तीस रु. और गांवों में छब्बीस रु. प्रतिदिन खर्च करने वालों को गरीबी रेखा से ऊपर माना जाएगा, तो देश के संभ्रांत पढ़े-लिखे लोगों में और मीडिया में खलबली मच गई। अहलूवालिया से लेकर जयराम रमेश तक को सफाई में बयान देने पडे। उन्होंने यह...
More »कथा बीपीएल-क्लब की - ज्यां द्रेज
झारखंड के लातेहार जिले के डबलू सिंह के परिवार की दुर्दशा वर्तमान खाद्य-नीतियों की विसंगतियों को जितनी मार्मिकता से उजागर करती है उतनी शायद कोई और बात नहीं करती। जीविका के लिए मुख्य रुप से दिहाड़ी मजदूरी पर निर्भर आदिवासी युवक डबलू, तकरीबन दो साल पहले, काम करते वक्त छत से गिर पडा और उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई। जीवनभर के लिए अपंग हो चुके डबलू को हर वक्त...
More »नाम के नागरिक- बृजेश सिंह (तहलका हिन्दी)
वहां से निकलना आसान नहीं है और वहां रहना तो और भी मुश्किल. सरकारी कुनीतियों के चलते अलीराजपुर में कुछ टापुऑं पर दिन बिता रहे सरदार सरोवर बांध के विस्थापितों की जिंदगी में उम्मीद को छोड़कर सब कुछ है. गरीबी, भूख, कुपोषण, बेरोजगारी और इन सबसे उपजी उनकी लाचारी की क्या कोई सुध लेगा? बृजेश सिंह की रिपोर्ट यह कहानी मध्य प्रदेश के कुछ ऐसे गांवों की है जिनके रहवासी युद्ध...
More »अनाज क्यों नहीं उठा रही राज्य सरकार : हाईकोर्ट
मुंबई. राज्य सरकार, केंद्र की ओर से भेजे गए अनाज को क्यों नहीं उठा रही है जबकि लोग भूखमरी से मर रहे हैं और बच्चे कुपोषण का शिकार हो रहे हैं? गुरुवार को बांबे हाईकोर्ट ने यह सवाल पूछते हुए राज्य सरकार से तीन सप्ताह के भीतर स्पष्टीकरण देने को कहा है। मुख्य न्यायाधीश मोहित शाह व रोशन दलवी की खंडपीठ ने सरकार को अनाज अपूर्ति के बारे में एक तंत्र विकसित...
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