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'जनशक्ति को धनशक्ति के हाथों हाईजैक होने से रोकने के लिए बंद हो कारपोरेट फंडिंग'

नागपुर। माकपा नेता सांसद डा. सीताराम येचुरी ने कहा कि जनशक्ति को धनशक्ति के हाथों हाईजैक होने से रोकने के लिए राजनीतिक पार्टियों को मिलनेवाला कारपोरेट चंदा बंद होना चाहिए। चंदे को टैक्स फ्री करना चिंताजनक है। कारपोरेट फंडिंग सीधे सिस्टम को होनी चाहिए। आज महज 55 लोगों के हाथों देश की अर्थ व्यवस्था है।   सामाजिक संगठन जनमंच की ओर से नागपुर विद्यापीठ के दीक्षांत सभागृह में आयोजित स्व. न्या. अशोक देसाई स्मृति...

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राजग की सरकार बनी तो किसानों को बिना ब्याज कृषि कर्ज: गडकरी

भोपाल, 16 जुलाई (एजेंसी)। भाजपा के अध्यक्ष नितिन गडकरी ने वादा किया है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में राजग की सरकार बनी, तो किसानों को बिना ब्याज कृषि कर्ज दिया जाएगा। गडकरी ने रविवार को यहां जंबूरी मैदान पर मध्यप्रदेश भाजपा की आयोजित ‘अटल किसान महापंचायत’ को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश सहित भाजपा शासित राज्य जब किसानों को बिना ब्याज के कृषि  कर्ज उपलब्ध करा सकते हैं, तो...

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गंगा के गुनहगार- स्वामी आनंदस्वरुप

जनसत्ता 12 जुलाई, 2012: गंगा का नाम लेने मात्र से पवित्रता का बोध होता है। यह देश की एकता और अखंडता का माध्यम और भारत की जीवन रेखा के अतिरिक्त और बहुत कुछ है। गंगा जीवनदायिनी और मोक्षदायिनी दोनों है। आज भी लगभग तीस करोड़ लोगों की जीविका का माध्यम है। मगर पिछली डेढ़ सदी से गंगा पर हमले पर हमले किए जा रहे हैं और हमें जरा भी अपराध-बोध नहीं...

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भत्ते से ज्यादा भर्ती की जरूरत- वीरेंद्र नाथ(तहलका)

उत्तर प्रदेश में एक तरफ लाखों लोगों को बेरोजगारी भत्ता देने की तैयारी हो रही है और दूसरी तरफ खाली पड़े लाखों पद बेरोजगारों की बाट जोह रहे हैं. वीरेंद्र नाथ भट्ट की रिपोर्ट हाल ही में उत्तर प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्य का बजट पेश किया. हालांकि राज्य में चुनाव अभी बहुत दूर हैं, लेकिन अखिलेश का बजट बिल्कुल लोकलुभावन है. उनके बजट में लोगों की सबसे...

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इस गांव के लोग थाना नहीं जाते

कभी अपराध और आंतक के लिए कुख्यात गावां का विशनीटीकर गांव विकास की नयी गाथा गढ़ रहा है. मामला विकास का हो या फिर शांति का, इस गांव ने आम सहमति को हथियार बनाकर मिसाल कायम किया है. गावां प्रखंड मुख्यालय से दस किलोमीटर की दूरी पर बसा यह गांव काफी पिछड़ा हुआ गांव माना जाता था. अस्सी और नब्बे के दशक में गांव में अपराध इस कदर बढ़ गया था कि...

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