SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 7339

भारत और इंडिया: 21 दिनों के लॉकडाउन के ऐलान से जो तसवीर उभरी वह देश की गलत प्राथमिकताओं को दर्शाती है

-आउटलुक, “बिना व्यापक योजना के महज चार घंटे की मोहलत पर 21 दिनों के लॉकडाउन के ऐलान से जो तसवीर उभरी वह देश की गलत प्राथमिकताओं को दर्शाती है” यह मानवीय त्रासदी है, जो हमारे प्रशासकों ने देश के गरीब तबके पर थोप दी है। सरकार ने कोरोनावायरस से फैलने वाली बीमारी कोविड-19 की रोकथाम के लिए देश भर में 24 मार्च की आधी रात से 21 दिन का लॉकडाउन किया। उसके...

More »

Coronavirus: अमेरिका और यूरोप में मृत्यु दर बढ़ी, आर्थिक संकट ने महाशक्तियों की चिंता बढ़ाई

-एनडीटीवी, कोरोनो वायरस (Coronavirus) महामारी के कारण अमेरिका और यूरोप में मृत्यु दर बढ़ गई है. इस पर दुनिया की महाशक्तियां गहन चिंता में डूब गई हैं. गुरुवार को एक बार फिर वैश्विक शक्तियों ने सदी की सबसे बड़ी आर्थिक तबाही को लेकर वैश्विक प्रतिक्रिया दी. न्यूयॉर्क में लॉकडाउन के दौरान पहली बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की कोरोना वायरस महामारी को लेकर मीटिंग हुई. वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हुई इस बैठक...

More »

कोरोना वायरस: लॉकडाउन से भारत में आ सकती ही भुखमरी

- बीबीसी, सीएमआईई ने जो आँकड़े पेश किए हैं, उससे हमें पहली बार यह अंदाज़ मिलता है कि हमारी इकॉनमी के साथ हो क्या रहा है. हम सब देख रहे हैं कि सड़कों पर क्या हो रहा है. कितने लोग घर पर बैठे हुए हैं. हम लोग जानते हैं कि क्या सब बंद हो रहा है लेकिन इसका कोई आँकड़ा हमारे पास नहीं था. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी ने जो रिपोर्ट...

More »

कोविड-19: लॉकडाउन से साफ हो रही हवा, क्या हैं इसके संदेश और संकेत

न्यूजलॉन्ड्री, यह एक असाधारण समय है, लेकिन विवेक को हमेशा घबराहट की स्थिति से ऊपर रहना होता है. यह समय उसी विवेक केइस्तेमाल से एक सामाजिक दूरी रखते हुए इस दौरान मिलने वाले समय में कुछ सोचने समझने का भी है. क्या इस वक्त का इस्तेमाल कर हम विध्वंस के समय की कुछ बातों को सामान्य दिनों में लागू करने की सोच सकते हैं? कोरोनावायरस महामारी की वजह से इस सामाजिक स्वास्थ्य...

More »

यह बात बारहा सामने आई है कि कोरोना जैसी किसी भी महामारी से सर्वाधिक मौतें भारत में होंगी

-न्यूजलॉन्ड्री, इंडियन जर्नल फ़ॉर मेडिकल रीसर्च के मार्च 2018 के संस्करण में ललित कांत और उनके सहकर्मी रणदीप गुलेरिया ने एक लेख लिखा था. इसका शीर्षक था “पैंडेमिक फ़्लू 1918: आफ़्टर हंड्रेड ईयर इंडिया इज़ ऐज़ वल्नरेबल.” इस लेख का मुख्य बिंदु था कि हिंदुस्तान की स्वास्थ्य सेवाओं की जैसी जर्जर हालत है उसे देखते हुए अगर स्पैनिश इनफ़्लुएंज़ा जैसी कोई भी महामारी दुनियां में फैलती है तो विश्व में सर्वाधिक...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close