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ग्लोबल वार्मिंग की एक रिपोर्ट पर विचारों का महाभारत

यूएनएफपीए की एक रिपोर्ट द स्टेट ऑव वर्ल्ड पॉपुलेशन 2009 के जारी होने के साथ ग्लोबल वार्मिंग के मुद्दे पर विचारों की टकराहट अपने चरम पर जा पहुंची है(रिपोर्ट की लिंक नीचे दी गई है) केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने इस रिपोर्ट को नई दिल्ली में जारी किया। वे इस बात से सहमत दिखे कि जलवायु परिवर्तन का बोझ महिलाओं पर पुरूषों की तुलना में कहीं ज्यादा पड़ेगा...

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पर्यावरण की कीमत पर विकास मंजूर नहीं

बिलासपुर। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश केजी बालकृष्णन ने शनिवार को कहा कि न्यायपालिका विकास और अधोसंरचना को बढ़ावा देने का विरोधी नहीं है, लेकिन यह पर्यावरण को नष्ट किए जाने की शर्त में नहीं होना चाहिए। मुख्य न्यायाधीश बालकृष्णन ने आज बिलासपुर च्च्च न्यायालय परिसर में दिवंगत डीपी श्रीवास्तव की स्मृति में पर्यावरण संरक्षण में न्यायपालिका की भूमिका विषय पर आयोजित व्याख्यान में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा...

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गन्ना मूल्य को लेकर किसानों का भारी प्रदर्शन

नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा घोषित नई गन्ना मूल्य नीति के विरोध में गुरुवार को हजारों किसानों ने राजधानी दिल्ली में प्रदर्शन किया। इस मौके पर किसानों को संबोधित करते हुए जद यू के अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि सरकार जब तक इससे संबंधित अध्यादेश को वापस नहीं लेगी तब तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा और संसद को नहीं चलने दिया जाएगा। इससे पहले हाथों में गन्ना लिए...

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आरटीआई में बदलाव के विरूद्ध प्रदर्शन

 सूचना के अधिकार अधिनियम में सरकार द्वारा बदलाव की आशंका के मद्देनजर कई नागरिक संगठन इसके विरोध में एकजुट हो रहे हैं ताकि इस ऐतिहासिक अधिनियम को नखदंत विहीन करने की कोशिशों को नाकामयाब किया जा सके। नेशनल काऊंसिल फॉर पीपल्स राईटस् टू इन्फॉरमेशन(एनसीपीआरआई) की अगुवाई में नागरिक संगठन 14 नवंबर को दिन में 10 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक जंतर-मंतर(दिल्ली) पर विरोध प्रदर्शन किया। एनसीपीआरआई ने सूचना...

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किसानों की गरीबी घटाने में छोटी जोतें बड़ी बाधा

लखनऊ। सरकार का नजरिया कुछ भी हो पर कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि उत्तर प्रदेश में 91 फीसदी किसानों की जोतें इतनी छोटी हैं कि इनके बूते गरीबी उन्मूलन तो दूर की बात, उनके परिवारों का पेट भर पाना ही कठिन है। इस मजबूरी में कृषि विविधीकरण सहित तमाम कृषि सुधार योजनाओं का फोकस सिर्फ नौ फीसदी किसान हैं, जिनके बूते सरकार कभी उत्पादन दुगुना करने का सपना देखती...

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