अंत्योदय अन्न योजना में शामिल ढाई करोड़ लोगों के लिए आखिरकार राहत भरी खबर हैं. सरकार ने बीते मार्च महीने में उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा जारी उस प्रावधान को हटा लिया है जिसमें नए परिवारों को नए अंत्योदय कार्ड जारी नहीं करने की बात कही गई थी.(देखें नीचे दी गई लिंक संख्या-1) केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के 20 मार्च के एक आदेश में प्रावधान...
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प्रदेश में अब गरीबों के अमृत नमक में भी कटौती
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने गरीब परिवारों को रियायती दर पर मिलने वाले अनाज व केरोसीन के बाद अब निःशुल्क नमक पर भी कैंची चला दी है। राज्य के गैर-अनुसूचित विकासखंडों में हर महीने प्रति परिवार अब एक किलोग्राम के हिसाब से नमक दिया जाएगा। जबकि अनुसूचित विकासखंडों में पहले की तरह ही हर महीने प्रति परिवार दो किलो नमक दिया जाएगा। खाद्य विभाग ने इसके लिए छत्तीसगढ़ खाद्य एवं पोषण सुरक्षा...
More »पीडीएस फर्जीवाड़ा, गरीब परिवारों से ज्यादा राशनकार्ड
भोपाल। प्रदेश में सस्ते राशन के लिए पात्र बीपीएल परिवारों की संख्या से ज्यादा राशनकार्ड हैं। ये खुलासा हुआ है विस में पटल पर रखी गई कैग की रिपोर्ट में। 2009-14 तक की जांच के आधार पर कैग ने कहा है कि बड़वानी, धार, खंडवा, रतलाम और उज्जैन में अतिरिक्त कार्डों का प्रतिशत 4 से 22 तक पाया गया है। इसके लिए केंद्र सरकार के निर्देश के बावजूद घर-घर जाकर सत्यापन...
More »अंत्योदय अन्न योजना को खत्म करने का नायाब बहाना!
क्या सरकार तकनीकी नुक्तों की आड़ में खाद्य सुरक्षा कानून से जुड़ी अपनी जिम्मेदारियों से बचना चाहती है ? इस कानून के क्रियान्वयन के लिए संघर्ष करने वाले नागरिक संगठनों ने ऐसी ही आशंका जतायी है। नागरिक संगठनों को आशंका है कि समाज के सबसे गरीब तबकों को खाद्य-सुरक्षा प्रदान करने के लिए जारी अंत्योदय अन्न योजना को सरकार ने पीडीएस कंट्रोल आर्डर के जरिए निशाना बनाया है। पीडीएस कंट्रोल आर्डर में कहा गया है कि मौत या फिर पलायन की...
More »अंत्योदय योजना खतरे में - ज्यां द्रेज
गरीब-विरोधी होने की धारणा से भले ही मोदी सरकार लड़ने का दावा कर रही हो, मगर अंत्योदय अन्य योजना को लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली से चरणबद्ध तरीके से बाहर निकालने का फैसला कर उसने गरीबों को एक बड़ा झटका दिया है। यह कदम अन्यायपूर्ण और अवैध है। अंत्योदय योजना के तहत गांवों के अत्यधिक गरीब परिवारों को 35 किलो खाद्यान्न नाममात्र की कीमतों (चावल तीन रुपये प्रति किलो और गेहूं दो...
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