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ग्रामीण भारत में कोरोनावायरस-39: लॉकडाउन से बिहार के बैरिया गांव के लोगों की आय और खाद्य सुरक्षा प्रभावित हुई

-न्यूजक्लिक,  यह एक जारी श्रृंखला की 39वीं रिपोर्ट है जो ग्रामीण भारत के जीवन पर कोविड-19 से संबंधित नीतियों से पड़ने वाले प्रभावों की झलकियाँ प्रदान करती है। सोसाइटी फॉर सोशल एंड इकोनॉमिक रिसर्च की ओर से जारी इस श्रृंखला में विभिन्न विद्वानों की रिपोर्टों को शामिल किया गया है, जो भारत के विभिन्न हिस्सों में गांवों के अध्ययन को संचालित कर रहे हैं। रिपोर्ट उनके अध्ययन में शामिल गांवों में...

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खरीफ फसलों का नया एमएसपी घोषित, धान के मूल्य में 53 रुपए बढ़े

-डाउन टू अर्थ,  केंद्र सरकार ने 14 खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने का फैसला लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुए 1 जून को हुई आर्थिक मामलों की केबिनट कमेटी की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तौमर ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि सरकार ने वादा किया था कि किसानों को लागत से डेढ़ गुना अधिक एमएसपी दिया...

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चना, अरहर और मक्का किसानों को नहीं मिल रहा समर्थन मूल्य, सरकारी खरीद नाममात्र की

-आउटलुक, मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत दलहन और तिलहन की खरीद सीमित मात्रा में होने के कारण किसानों को चना, अरहर, मक्का और सरसों न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से 300 से 1,075 रुपये प्रति क्विंटल तक नीचे भाव पर बेचनी पड़ रही है। केंद्र सरकार पीएसएस के तहत दलहन और तिलहन की खरीद कुल उत्पादन का 25 फीसदी तक करती है। नेफेड अरहर, चना और सरसों की खरीद कर भी...

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बीजों का त्यौहार अक्ति और इससे जुड़ी जैविक खेती की अनोखी पहल -बाबा मायाराम

छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के एक छोटा सा गांव कुहरी। गांव में पारंपरिक त्यौहार अक्ति मनाया गया, जिसके साथ जैविक खेती के नए आयाम जुड़े हैं। यहां की महिला किसानों ने इस मौके पर ठाकुरदेव की पूजा अर्चना की और अच्छी नई फसल की कामना की। पूजा-अर्चना के साथ ही इस त्यौहार के अवसर पर महिलाओं ने जैविक खेती करने का भी संकल्प लिया।  कुहरी गांव, बांसकुडहा पंचायत के अंतर्गत आता है। यह कोडार बांध के पास है,...

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किसानों को नहीं मिल रहा दालों का समर्थन मूल्य, फिर भी आयात 4 फीसदी बढ़ा

-आउटलुक, किसानों को अरहर, चना और मसूर समर्थन मूल्य से 800-900 रुपये प्रति क्विंटल नीचे दाम पर बेचनी पड़ रही है। इसके बावजूद चालू वित्त वर्ष 2019-20 के पहले 10 महीनों अप्रैल से जनवरी के दौरान ही दालों का आयात 4 फीसदी बढ़कर 26.28 लाख टन हो गया। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार अप्रैल से जनवरी के दौरान दालों का आयात बढ़कर 26.28 लाख टन का हो चुका है, जबकि पिछले...

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