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जम्मू के जिलों में बढ़ते तापमान से स्थानीय जनजातियों की आजीविका को खतरा

मोंगाबे हिंदी, 05 सितम्बर  जम्मू यूनिवर्सिटी के भूगोल विभाग की एक रिसर्च टीम ने जलवायु परिवर्तन से पड़ने वाले प्रभाव के आधार पर जम्मू और कश्मीर में जम्मू प्रांत के 10 जिलों की रैंकिंग की। उन्होंने जम्मू प्रांत में बारिश और तापमान जैसे जलवायु परिवर्तन के जोखिम की सीमा का मूल्यांकन करने के लिए, श्रीनगर के भारत मौसम विज्ञान विभाग से मदद ली। टीम ने तीन दशकों में मौसम केंद्रों से...

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गुरेज़: पट्टू बुनकरों की रेशा-रेशा बिखरती ज़िंदगी

पारी हिंदी, 28 अगस्त  अपना आख़िरी पट्टू बुने हुए अब्दुल कुमार मागरे को कोई 30 साल हो गए हैं. वह कश्मीर की भयानक सर्दियों - जब तापमान -20 डिग्री से भी नीचे चला जाता है - से बचाव करने के लिए मशहूर इस ऊनी कपड़े को बुनने वाले कुछ आख़िरी बचे हुए बुनकरों में एक हैं. अब्दुल (82) याद करते हुए कहते हैं, “मैं एक दिन में तक़रीबन 11 मीटर कपड़े बुन...

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जम्मू-कश्मीर में बढ़ते राजमार्ग और सड़क दुर्घटनाओं में जानवरों के मरने की बढ़ती घटनाएं

मोंगाबे हिंदी, 21 अगस्त सितंबर 2011 में, जम्मू यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेन एनवायरनमेंट (आईएमई) के शोधकर्ताओं की एक टीम ने जम्मू-पुंछ राष्ट्रीय राजमार्ग पर सियार के एक जोड़े को मरा हुआ पाया। वन्यजीव शोधकर्ता नीरज शर्मा आईएमई की उस टीम का हिस्सा थे, जो उस दिन फ़ील्ड सर्वेक्षण के लिए निकली थी। उन्होंने कहा, “अफसोस की बात है कि मादा सियार गर्भवती थी। यह घटना मुझे परेशान करती रही। अगले...

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बदलती जलवायु की वजह से खतरे में हिमालय की करिश्माई जलपक्षी आइबिस बिल की आबादी

मोंगाबे हिंदी, 23 जून समुद्रतल से बेहद ऊंचाई वाले इलाकों में एक ऐसी पक्षी का घर है जिन्हें आसानी से पहचाना नहीं जा सकता। ये घर चट्टानों के गोल पत्थरों के बीच छिपे होते हैं। यह पक्षी सदियों से प्रकृति प्रेमी और पक्षी विशेषज्ञों को आकर्षित करते आया है। इसे हम आइबिस बिल (Ibidorhyncha struthersii) के नाम से पहचानते हैं, जो अपनी करिश्माई प्रकृति और दुर्लभता के कारण ‘हिमालय के आश्चर्यजनक...

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बदलती जलवायु की वजह से खतरे में हिमालय की करिश्माई जलपक्षी आइबिस बिल की आबादी

मोंगाबे हिंदी, 22 जून समुद्रतल से बेहद ऊंचाई वाले इलाकों में एक ऐसी पक्षी का घर है जिन्हें आसानी से पहचाना नहीं जा सकता। ये घर चट्टानों के गोल पत्थरों के बीच छिपे होते हैं। यह पक्षी सदियों से प्रकृति प्रेमी और पक्षी विशेषज्ञों को आकर्षित करते आया है। इसे हम आइबिस बिल (Ibidorhyncha struthersii) के नाम से पहचानते हैं, जो अपनी करिश्माई प्रकृति और दुर्लभता के कारण ‘हिमालय के आश्चर्यजनक...

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