मीडियाविजिल, “पिछले कुछ साल में गैर-जिम्मेदार नेताओं ने जान-बूझ कर विज्ञान, सरकारी संस्थाओं और मीडिया से जनता का विश्वास डिगाया है. ये ग़ैर-ज़िम्मेदार नेता अधिनायकवाद का रास्ता अपनाने को लालायित हैं, उनकी दलील होगी कि जनता सही काम करेगी इसका यकीन नहीं किया जा सकता.” इज़रायली दार्शनिक युवाल नोह हरारी ने प्रसिद्ध अखबार फाइनेंशियल टाइम्स में बीते 20 मार्च को लिखे अपने लंबे लेख में कुछ बहुत ही मार्के की बातें कही...
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लॉकडाउन का पालन नहीं किया तो आपके खिलाफ क्या कानूनी कार्रवाई हो सकती है?
-सत्याग्रह, कोरोना वायरस से पैदा हुए संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को एक बार फिर देश को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि सरकार ने पूरे देश को लॉकडाउन करने का फैसला किया है. यह लॉकडाउन 21 दिनों तक यानी 14 अप्रैल तक जारी रहेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा कि यह लॉकडाउन ‘जनता कर्फ्यू’ से एक कदम आगे की...
More »कोरोना वायरस : WHO की चेतावनी के बावजूद भारत ने नहीं किया सुरक्षा सामग्री का भंडारण
-मीडियाविजिल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कहने पर 22 मार्च को भारत के 130 करोड़ लोगों ने “जनता कर्फ्यू” में भाग लिया. इस बीच स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए मास्क, गाउन और दस्ताने जैसे पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट या पीपीई का भंडारण करने में सरकार विफल रही. 18 मार्च को जनता कर्फ्यू की अपील करते हुए मोदी ने लोगों से अपनी-अपनी बालकनी से थाली और ताली बजाकर स्वास्थ्य कर्मचारियों की हौसला अवजाई करने को...
More »महानगरों के प्रदूषण पर भी कोरोनावायरस का शिकंजा!
-डाउन टू अर्थ, कोरोनावायरस ने हम इंसानों के साथ-साथ प्रदूषण पर भी शिकंजा कसा हुआ है। वायरस का संक्रमण रोकने के लिए हो रहे जनता कर्फ्यू और लॉक डाउन जैसे उपायों से सड़कों पर उतरने वाले वाहनों की तादाद में खासी कमी आई है। इससे खासतौर पर वाहनों के धुएँ से होने वाले नाइट्रोजन आक्साइड और पीएम 2.5 के प्रदूषण में गिरावट आई है। केन्द्र सरकार द्वारा संचालित संस्था सफर की...
More »कोरोना : लॉकडाउन से दूसरे राज्यों में फंसे मजदूर कैसे भरेंगे अपना पेट ?
-गांव कनेक्शन, झारखंड के डुमरी जिले के मूल निवासी अलीमुद्दीन मुंबई कमाने के लिए गए थे, लॉकडाउन में मुंबई बंद हो गई। अमीमुद्दीन जिस कारखाने में काम करते थे वो कई दिन पहले बंद हो चुका है। वो होटल भी बंद हो चुका है जहां वो खाना खाते थे, और अब उनकी जेब में पैसे भी नहीं बचे हैं। कई मजदूर तो ऐसे हैं जिनके पास पैसे हैं लेकिन बाजार में...
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