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लुप्त होती तटीय सुरक्षा पंक्ति--- रमेश कुमार दुबे

इस साल अच्छी मानसूनी बारिश से जहां किसानों के चेहरे खिल उठे हैं वहीं देश के कई हिस्से बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। इस बाढ़ की वजह अच्छी बारिश उतनी नहीं है जितनी कि विकास की अंधी दौड़ में पानी के कुदरती निकासी तंत्र को भुला दिया जाना। शहरों का विकास नदियों के बाढ़ क्षेत्रों, तालाबों व समीपवर्ती कृषि भूमि की कीमत पर हो रहा है। शहरों के...

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तेंदूपत्ता मिले खास कचरे से खेती कर रहे राजस्थान के किसान

हरिओम गौड, श्‍योपुर(मध्‍यप्रदेश)। श्योपुर व आसपास के गांवों के लोग जिस कचरे को घूरे पर फेंक देते हैं, उसी कचरे से राजस्थान के किसान रेगिस्तान में खेती कर रहे हैं। तेंदूपत्ता मिले खास किस्म के इस कचरे को राजस्थान के किसान चंबल व बनास नदी के किनारे रेत के ऊपर बिछाकर कृत्रिम खेत बनाते हैं। इन खेतों में गर्मी के सीजन में खरबूजा, ककड़ी के अलावा कई तरह की मौसमी सब्जियों...

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कचरा प्रबंधन से ही स्वच्छ होगा भारत

सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। झाड़ू उठाने भर से नहीं बल्कि कचरे को ठिकाने लगाने से स्वच्छ भारत का सपना साकार हो सकेगा। शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों से रोजाना निकलने वाले लाखों टन कूड़े का उचित प्रबंधन न होने से कई तरह की मुश्किलें पैदा हो गई हैं। खुले में शौच बंद करने के पुख्ता उपाय और घरों से निकलने वाले कूड़े का निस्तारण प्रशासन के लिए कठिन चुनौती बन...

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श्योपुर के कचरे से राजस्थान के रेगिस्तान में खेती

हरिआमे गौड, श्‍योपुर। श्योपुर और आस-पास के गांवों में लोग जिस कचरे को फेंक देते हैं, उससे राजस्थान के किसान रेगिस्तान में खेती कर रहे हैं। तेंदूपत्ता मिले खास किस्म के कचरे को किसान चंबल व बनास नदी के किनारे 200 से 250 बीघा जमीन में रेत के ऊपर बिछाकर कृत्रिम खेत बनाते हैं। इनमें गर्मी के सीजन में खरबूजा, ककड़ी के अलावा कई मौसमी सब्जियों की खेती कर रहे हैं।...

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गंगा योजना के विरोधाभास- अनिल प्रकाश

जनसत्ता 19 जुलाई, 2014 : केंद्र की नई सरकार के तीन-तीन मंत्रालय गंगा नदी से जुड़ी समस्याओं पर सक्रिय हुए हैं। एक बार पहले भी, राजीव गांधी के प्रधानमंत्रित्व-काल में, गंगा सफाई योजना पर बड़े शोर-शराबे के साथ काम शुरू हुआ था। गंगा ऐक्शन प्लान बना। मनमोहन सिंह सरकार ने तो गंगा को राष्ट्रीय नदी ही घोषित कर दिया। मानो पहले यह राष्ट्रीय नदी न रही हो। अब तक लगभग बीस...

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