लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव खारिज हो गया. सरकार संसद में पहले भी सुरक्षित थी, अब और भी आश्वस्त हो गयी. विपक्ष भी सरकार पर कुछ छींटाकशी कर खुश हो गया. गले से कहने में जो कसर रह गयी, वह गले लगकर पूरी की गयी. सत्ताधारी मोर्चे में कुछ टूट-फूट होने से विपक्ष भी आश्वस्त है. मीडिया को भी मसाला मिल गया- मोदी जी और राहुल गांधी के गले पड़ने की फोटो...
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जीने के मौलिक अधिकार की रक्षा-- अनूप भटनागर
अनुसूचित जाति और जनजाति (उत्पीड़न से रोकथाम)कानून के तहत शिकायत होने पर तत्काल गिरफ्तारी के प्रावधान को लचीला बनाने और जांच के बाद ही किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने संबंधी उच्चतम न्यायालय की व्यवस्था के बाद राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया उनके नजरिये को ही दर्शाती है। राजनीतिक दलों के नेताओं की प्रतिक्रिया को देखते हुए एक सवाल उठता है कि यदि बलात्कार और यौन उत्पीड़न की झूठी शिकायत दर्ज कराने...
More »सरकार खाप पंचायतों को बैन नहीं करती तो एक्शन लेंगे: SC
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बालिग लड़का या लड़की अपनी मर्जी से शादी कर सकते हैं। कोई पंचायत, खाप पंचायत, पैरेंट्स, सोसायटी या कोई शख्स इस पर सवाल नहीं कर सकता। कोर्ट ने यह भी कहा कि सरकार खाप पंचायतों पर बैन नहीं लगाती तो कोर्ट एक्शन लेगा। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुआई वाली तीन जजों की बेंच ने यह निर्देश खाप पंचायतों के खिलाफ दायर...
More »अब स्वयं न्यायपालिका न्याय की कसौटी पर-- शेखर गुप्ता
ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री हेरॉल्ड विल्सन की इस मशहूर पंक्ति को बदलने का लोभ हो रहा है कि ‘एक हफ्ता राजनीति में बहुत लंबा वक्त होता है।' मैं कहूंगा कि पिछला वीकेंड भारत के न्यायिक इतिहास में बहुत लंबा समय था। क्योंकि अपने सांस्थानिक प्रश्नों को सार्वजनिक बहस में लाने वाले चार जजों से पूछा गया कि इससे सुप्रीम कोर्ट की कार्यप्रणाली कैसे प्रभावित होगी तो उन्होंने कहा कि वे...
More »संस्थाओं को सुदृढ़ करने का वक्त - डॉ. भरत झुनझुनवाला
अर्थशास्त्रियों में इस बात को लेकर सहमति बन रही है कि आर्थिक विकास की असल कंुजी देश की संस्थाओं में निहित है। सस्ते श्रम से आर्थिक विकास हासिल होना जरूरी नहीं है। जापान में श्रम महंगा है, फिर भी आर्थिक विकास में वह देश आगे है। आवश्यक नहीं कि प्राकृतिक संसाधनों जैसे कोयले अथवा तेल के जरिए भी विकास हासिल हो ही जाए। सिंगापुर में प्राकृतिक संसाधन शून्यप्राय हैं, फिर...
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