पोषक अनाजों की अहमियत को समझते हुए भारत सरकार ने खाद्य और कृषि संगठन के सामने एक प्रस्ताव रखा था। नतीजन पूरी दुनिया, वर्ष 2023 को, अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के रूप में मना रही है।भारत,दुनिया में पोषक अनाजों का सबसे बड़ा उत्पादनकर्ता है। साल 2020 में विश्व के कुल उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी करीब 41 फीसदी के आस–पास थी। पढ़िए इस लेख में पोषक अनाजों पर विस्तार से; प्राचीन...
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सरसों के भाव एमएसपी से नीचे आए, खाद्य तेलों के रिकॉर्ड आयात का दाम पर पड़ रहा असर, पामोलिन पर ड्यूटी बढ़ाने की मांग
रूरल वॉयस, 2 मार्च आलू और प्याज के बाद अब सरसों के भाव किसानों के लिए परेशानी का सबब बनते जा रहे हैं। मंडियों में सरसों की आवक तेज होते ही कीमतें घटने लगी हैं। देश की ज्यादातर मंडियों में नई सरसों का भाव 2022-23 के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 5,450 रुपये प्रति क्विंटल से नीचे चल रहा है। रिकॉर्ड रकबे में बुवाई होने की वजह से पैदावार रिकॉर्ड स्तर पर...
More »बेमौसमी बढ़ती गर्मी से फसलों को बचा सकता है बायोचार, वैज्ञानिकों ने बताया तरीका
डाउन टू अर्थ, 24 फरवरी वैज्ञानिकों का मानना है कि ‘बायोचार’ सदियों से लोगों द्वारा उपयोग की जाने वाली एक पारंपरिक कृषि पद्धति रही है। कृषि और पेड़ों का कचरा जैसे कार्बनिक पदार्थों को जलाने से बना चारकोल जैसे पदार्थ को बायोचार कहते हैं। वैज्ञानिकों ने जलवायु-स्मार्ट कृषि (सीएसए) अभ्यास के रूप में इसकी क्षमता का विश्लेषण करने के लिए बायोचार पर दुनिया भर के लगभग 600 अध्ययनों में व्याप्त आंकड़ों को...
More »बिहार : APMC ख़त्म होने के बाद उत्पादन तो बढ़ा पर नहीं हुआ किसानों को फ़ायदा !
न्यूज क्लिक, 24 जनवरी "साल 2006 में मंडी क़ानून ख़त्म होने के बाद राज्य में मूल्य और उत्पादन स्तर पर किसानों को गेहूं और धान में क़रीब 90 हज़ार करोड़ रुपये और सभी फ़सलों को मिला दें तो लगभग डेढ़ लाख करोड़ रुपये का नुक़सान हो रहा है।" बिहार के सुपौल जिला के बीना बभनगामा गांव के 54 वर्षीय अजय मिश्रा बताते हैं, "हमने 2022 के दिसंबर महीने में निजी व्यापारी नरेश...
More »कार्बन मूल्य-निर्धारण क्या है?
मोंगाबे हिंदी, 5 जनवरी उन्नीस सौ बीस के दशक में एक ब्रिटिश अर्थशास्त्री आर्थर पिगौ ने उद्योगों को उनके द्वारा किए गए प्रदूषण की लागत के लिए भुगतान करने के सामाजिक लाभों पर प्रकाश डाला। समय के साथ इस अवधारणा को अलग-अलग तरीकों से लिया गया जिससे ‘कार्बन मूल्य निर्धारण’ की अवधारणा सामने आई। विश्व बैंक के अनुसार कार्बन मूल्य निर्धारण एक उद्योग द्वारा उत्सर्जित प्रदूषण से नुकसान की भरपाई के लिए...
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