धार्मिक भावनाओं को ठेस ना पहुंचाने के तर्क से कुछ राज्यों में मांसाहार पर कुछ विशेष दिनों में पाबंदी लगाये जाने की खबरों के बीच दो तथ्य गौरतलब हैं.(देखें लिंक) एक, भारत में कुल 4635 समुदाय हैं और इनमें 88 प्रतिशत समुदाय मांसाहारी हैं. और दो, देश के ज्यादातर लोगों के मांसाहारी होने के बावजूद भारत में प्रति व्यक्ति मांस का उपभोग हिन्दू-बहुल नेपाल की तुलना में लगभग दोगुना और वैश्विक...
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फंदे में फांसी- विशेष प्रस्तुति(प्रभात खबर)
फांसी की सजा को खत्म करने पर एक बहस दुनियाभर में सालों से चल रही है. भारत में भी मुंबई धमाकों के दोषी याकूब मेमन की फांसी दिये जाने से पहले 291 प्रतिष्ठित लोगों ने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिख कर फांसी रोकने की मांग की थी. भारत उन देशों में शामिल है, जहां फांसी की सजा पर अमल नहीं के बराबर हो रहा है. हालांकि जघन्यतम अपराध के दोषियों में...
More »सांसदों को खाने पर 88 फीसदी छूट
सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के मुताबिक, सांसदों को लजीज भोजन बहुत ही कम कीमत पर परोसने वाली संसद की कैंटीन को पिछले पांच वर्षों के दौरान 60.7 करोड़ रुपए की छूट (सब्सिडी) दी गई। जानकारी के मुताबिक, इस कैंटीन में पूड़ी-सब्जी जैसे भोजन करीब 88 फीसदी की छूट के साथ हमारे माननीयों को परोसे जा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, हमारे सांसद भत्तों के साथ करीब 1.4...
More »122 साल की समतुल निशा का इंतकाल
जमशेदपुर : देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद और प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के नजदीकी रहे महरूम ताजुद्दीन खान की बेवा समतुल निशा का 122 साल (परिवारवालों के अनुसार) की उम्र में मंगलवार को इंतकाल हो गया. समतुल निशा के शव को जाकिरनगर कब्रिस्तान में सुपूर्द-ए-खाक किया गया. आजादी की जंग में जहां ताजुद्दीन ने डॉ राजेंद्र प्रसाद के साथ मिलकर अंगरेजों के खिलाफ संघर्ष किये थे वहीं देश के जवाहरलाल...
More »मुश्किल है गरीबों की पहचान? : हर्ष मंदर
यदि आप किसी गांव में जाएं और ग्रामीणों से पूछें कि यहां रहने वाले लोगों में से कौन गरीब हैं, तो उनके लिए इस सवाल का जवाब देना कठिन नहीं होगा। शायद वे किसी दृष्टिहीन विधवा का नाम बताएं, या किसी बुजुर्ग दंपती की ओर इशारा करें, जो भीख मांगकर पेट भरते हैं, या कर्ज के बोझ तले दबे किन्हीं किसानों का उल्लेख करें। वे गरीबों की अपनी सूची में पिछड़ी जाति के...
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