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लैंटाना से हाथी और फर्नीचर बनाकर इस आक्रामक पौधे को खत्म करने की कोशिश

मोंगाबे हिंदी, 04 जनवरी दुनिया की सबसे कुख्यात आक्रामक प्रजातियों में से एक लैंटाना (लैंटाना कैमारा ) के फैलाव को रोकने की उम्मीद के साथ साल 2009 में एक प्रयोग शुरू हुआ था। यह प्रयोग एनजीओ शोला ट्रस्ट ने तमिलनाडु के एक गांव में शुरू किया था जो लंबे समय तक चलने वाला था। एनजीओ ने गांव के स्थानीय समुदायों को लैंटाना के तनों की कटाई करने और उन्हें बेचने योग्य...

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आत्मनिर्भर बन रही हैं केरल की आदिवासी महिलाएँ

बाबा मायाराम, पालक्काड़ “हम जल, जंगल और जंगली जानवरों का संरक्षण करने के साथ-साथ आदिवासियों की आजीविका को भी बचाने की कर रहे हैं। जंगल से हम उतना ही लेते हैं, जितनी जरूरत होती है। जंगली जानवरों के लिये को उनके पसंद के फल, फूल, पत्ते और कंद छोड़ देते हैं; जिससे वे भी जिये और जंगल की जैव-विविधता भी बनी रहे।” यह मंजू वासुदेवन थीं, केरल के त्रिचूर जिले में ‘फॉरेस्ट...

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सरकार ने जंगलों से 500 मीटर दूर तेल उत्खनन तकनीक को मंजूरी दी, प्रभावों पर कोई प्राथमिक डेटा नहीं

मोंगाबे हिंदी, 22 दिसम्बर  नए सरकारी नियमों के मुताबिक, जंगलों में प्राकृतिक भंडार से तेल और गैस निकालने के लिए अब परियोजना के डेवलपर्स को वन मंजूरी लेने की जरूरत नहीं है। शर्त बस इतनी है कि खुदाई वन क्षेत्रों के बाहर की जाएगी। 12 सितंबर को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने सभी राज्यों को एक पत्र जारी कर कहा कि एक्सटेंडेड रीच ड्रिलिंग (तेल और गैस उत्खनन की एक...

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संरक्षण के लिए यूरेशियन लिन्क्स पर ज्यादा रिसर्च की जरूरत

मोंगाबे हिंदी, 29 नवम्बर इस साल फरवरी में लद्दाख में कुत्तों से घिरी जंगली बिल्ली का एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। कई समाचार संगठनों ने इस क्लिप को अपने ‘वायरल वीडियो‘ सेक्शन में पब्लिश किया। इस वीडियो पर आए कमेंट्स में लोग इस जंगली जानवर के बारे में जानने को उत्सुक थे। कुछ अनुमान सही नहीं थे और उनका कहना था कि यह घरेलू कुत्ते और...

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झारखंड: पहले जंगल उजाड़ा, फ‍िर उसे बसाने की पहल, लेकिन क‍िस कीमत पर?

इंडियास्पेंड, 29 नवम्बर रामगढ़ और हज़ारीबाग़, झारखंड: रामगढ़ के जित्रा टुंगरी गांव के पास जंगल में पहली बार में तो घूमना आसान लगता है। लेकिन जल्‍द ही घुटनों तक ऊंची घास और झाड़ियों के बीच बनी टेढ़ी-मेढ़ी पगडंडियां राह गठ‍िन कर देती हैं। कभी-कभी सांप और गड्ढों से बचना पड़ता है। कोयना खदानों के धंसने के कारण जमीन में बड़ी खाइयां हो जाती हैं। लेकिन स्थानीय लोग इससे और अन्य सभी खतरों...

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