-बीबीसी, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसानों के मुद्दे का हल निकालने के लिए बनाई गई कमेटी दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट अदालत के सामने पेश करे. इस कमेटी की पहली मीटिंग दस दिनों के भीतर करने का भी आदेश दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के प्रमुख बिंदु 1. तीनों कृषि क़ानूनों के अमल पर रोक दी गई है. 2. न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था क़ानून पारित होने से पहले की...
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किसान आंदोलन: लंबी लड़ाई की तैयारी
-आउटलुक, “महीने भर से दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे किसान सरकार की पेशकश से असंतोष जाहिर करके लंबी लड़ाई की तैयारी में, आखिर इसका हल है क्या? क्या सरकार सिर्फ टालते रहने के मूड में” हाड़ कपा देने वाली ठंड (3-4 डिग्री सेल्सियस तापमान) में खुले आसमान के नीचे हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर 26 नवंबर से सड़कों पर बैठे हुए हैं। मांग बस इतनी है कि सुधार के नाम पर...
More »अधिकारों की लड़ाई में साथ आए आंदोलनकारी किसान और कुंडली के मजदूर
-कारवां, 35 साल के रिंकू कुमार मजदूरी करते हैं. उन्होंने मुझे बताया कि जब मार्च में कोरोनावायरस लॉकडाउन लगाया गया था तब वह हरियाणा के सोनीपत जिले के औद्योगिक शहर कुंडली में एक इस्पात निर्माण कंपनी में काम कर रहे थे. लॉकडाउन लगने के बाद अन्य प्रवासियों की तरह वह भी बिहार के खगड़िया जिले में अपने घर वापस चले गए. कुमार ने बताया कि उनके नियोक्ता ने उस वक्त उनकी 17...
More »अपराध और पूर्वाग्रह
-कारवां, 1. शादाब आलम के लिए 24 फरवरी 2020 का दिन रोजमर्रे की तरह ही शुरू हुआ था. वह उत्तर दिल्ली के पुराने मुस्तफाबाद के अपने घर में, जहां वह पांच साल से भी ज्यादा वक्त से रह रहे थे, तड़के ही जग गए थे. तैयार होकर सुबह के 10 बजे वह स्मार्ट मेडिकल स्टोर के लिए रवाना हुए. वजीराबाद रोड पर वृजपुरी चौक के पास की इस दुकान में वह कई...
More »जेएनयू हिंसा: नौ महीने बाद कहां पहुंची जांच
-न्यूजलॉन्ड्री, “बहुत ही मायूसी है. जिस तरह से इस घटना से यूनिवर्सिटी का डेमोक्रेटिक स्पेस गिरा था, उसे यूनिवर्सिटी और प्रशासन ने वापस सही करने की कोशिश नहीं की. और फिलहाल तो हमें कोई उम्मीद भी नजर नहीं आ रही क्योंकि बिना इनकी मिलीभगत के यूनिवर्सिटी में इतना कुछ होना संभव नहीं हैं. नौ महीने में 0.9 प्रतिशत भी केस आगे नहीं बढ़ा है.” जवाहर लाल नेहरू यानी जेएनयू के छात्रसंघ महासचिव...
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