आज हर बात की तरह पानी का राजनीति भी चल निकली है। पानी तरल है, इसलिए उसकी राजनीति भी जरूरत से ज्यादा बहने लगी है। देश का ऐसा कोई हिस्सा नहीं है, जिसे प्रकृति उसके लायक पानी न देती हो, लेकिन आज दो घरों, दो गांवों, दो शहरों, दो राज्यों और दो देशों के बीच भी पानी को लेकर एक न एक लड़ाई हर जगह मिलेगी। मौसम विशेषज्ञ बताते हैं कि...
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देश की आठवीं बेस्ट पंचायत कालूआना
सिरसा. जिले के कालूआना गांव की पंचायत को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए वर्ष 2009-10 की देश की श्रेष्ठ (बेस्ट ऐट) आठ पंचायतों में चुना गया है। इसके लिए पंचायत को बुधवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह व यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सम्मानित किया। यह सम्मान कालूआना गांव के सरपंच जगदेव सहारण ने हासिल किया। दिल्ली में यह कार्यक्रम महात्मा...
More »खेतों के लिए चाहिए 270 सरकारी नलकूप
रुड़की (हरिद्वार)। खेतों की प्यास बुझाने के लिए हरिद्वार जनपद को अभी 270 और सरकारी नलकूप चाहिए। इन नलकूपों का प्रस्ताव नलकूप खंड सिंचाई विभाग से शासन को भेजा जा चुका है, लेकिन पहले चरण में भगवानपुर ब्लाक क्षेत्र में 58 नलकूपों के निर्माण को ही हरी झंडी मिलने के आसार हैं। हरिद्वार जनपद में करीब 38 हजार हेक्टेयर भूमि असिंचित है। हालांकि इस असिंचित क्षेत्र को सींचने के लिए सिंचाई विभाग के पास...
More »गंगा-सोन के किनारे, पटना जिले में प्यासे बैठे बेचारे
पटना गंगा व सोन के तटों पर बसे पटना जिला के तमाम प्रखंडों में ही नहीं बल्कि राजधानी भी तेज गर्मी के साथ पानी की समस्या जूझ रही है। पेयजल संकट दरअसल यहां की नियति बन गई है। चापाकल व कुएं सूखने लगे हैं। सरकारी नलकूपों की स्थिति जर्जर है। गांव से शहर तक में 'रेन हार्वेस्टिंग' की बात तो हो रही पर संपूर्णता में इसे आकार नहीं पा सका। शहरी विकास योजनाओं की...
More »व्यर्थ सभी प्रयास, कैसे बुझे प्यास
आगरा। बचपन में पढ़ी कहानी में कौए का जतन कर प्यास बुझाना तब परिश्रम का रोचक सबक था तो आज लाखों परिवारों की मजबूरी। ज्यों-ज्यों आबादी बढ़ी त्यों-त्यों घटे जल संसाधन। आज स्थिति विकराल हो गई। कहानी के हीरों की तरह पानी के लिए भटकने से दिन की शुरुआत करने को बाध्य हैं लाखों परिवार। यह हाल है आगरा मंडल के चार जिलों के साथ-साथ अलीगढ़ मंडल के एटा और काशीराम नगर का। भीषण गर्मी...
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