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किसान आंदोलन: पंजाब की खेती गेहूं, धान और MSP से आबाद हो रही है या बर्बाद?

-बीबीसी, पंजाब के ज़्यादातर किसान गेहूं और धान की खेती करते हैं. इन दोनों फसलों पर एमएसपी मिलती है और सरकारी ख़रीद की गारंटी भी. जब फसल से कमाई और ख़रीद दोनों सुनिश्चित हो तो भला तीसरी फसल के पीछे किसान क्यों भागेगा? लेकिन इन दोनों फसलों की कामयाबी ने उसके सामने ऐसा चक्रव्यूह बना दिया है कि वो चाह कर भी इससे बाहर नहीं निकल पा रहा. दिल्ली के तमाम बॉर्डर पर...

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डब्लूटीओ के बहाने किसानों को झटका

-आउटलुक,  “सरकार के कुछ बड़े फैसलों में किसानों के हितों की बलि चढ़ाकर उद्योग को संरक्षण दिया गया” हाल ही में सरकार ने कुछ बड़े फैसले लिये हैं लेकिन दिलचस्प बात यह है कि इन फैसलों में जहां किसानों के हितों की बलि चढ़ाई गई है वहीं उद्योग को संरक्षण दिया गया है। कोविड-19 महामारी के चलते लागू लॉकडाउन में सबसे अधिक नुकसान दूध किसानों और मक्का किसानों का हुआ है लेकिन...

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चना, अरहर और मक्का किसानों को नहीं मिल रहा समर्थन मूल्य, सरकारी खरीद नाममात्र की

-आउटलुक, मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत दलहन और तिलहन की खरीद सीमित मात्रा में होने के कारण किसानों को चना, अरहर, मक्का और सरसों न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से 300 से 1,075 रुपये प्रति क्विंटल तक नीचे भाव पर बेचनी पड़ रही है। केंद्र सरकार पीएसएस के तहत दलहन और तिलहन की खरीद कुल उत्पादन का 25 फीसदी तक करती है। नेफेड अरहर, चना और सरसों की खरीद कर भी...

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अंधविश्वास पर टिकी है रामदेव की इलाज पद्धति, अब सरसों के तेल से कोरोना वायरस मारने का दावा

-जनज्वार, योग गुरू बाबा रामदेव ने सरसों के तेल से कोरोना वायरस के इलाज का दावा किया है. इसके साथ ही उन्होंने कोरना वायरस को टेस्ट करने पर भी तरीका बताया. वैज्ञानकों और डॉक्टरों ने इन दोनों ही दावों को सच्चाई से दूर और गलतफहमी फैलाने वाला बताया है. ध्यान देने की बात यह है कि इन दोनों दावों को भारत सरकार और WHO पहले ही खारिज कर चुके हैं. बाबा रामदेव...

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ग्रामीण भारत में कोरोना : फसल बेचने में असमर्थ बंगाल के किसानों पर बढ़ रहा है क़र्ज़ का बोझ

-न्यूजक्लिक,  गोपीनाथपुर, कृष्णपुर और सर्पलेहना गाँव पश्चिम बंगाल राज्य के तीन अलग-अलग कृषि-पारिस्थितिक क्षेत्रों में स्थित हैं। किस मात्रा में सिंचाई की उपलब्धता है, उसी अनुपात में जमीन में खेती-बाड़ी की जा सकती है जो कि इन क्षेत्रों में अलग-अलग है। गोपीनाथपुर बांकुरा क्षेत्र के कोटुलपुर ब्लॉक में पड़ता है, जो कि कृषि क्षेत्र के लिहाज से पश्चिम बंगाल के सबसे विकसित क्षेत्रों में से एक है। दूसरी और नादिया जिले...

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