हमारे उपमहाद्वीप में दुनिया के लगभग 19 फीसदी बच्चे रहते हैं। देश की आबादी के एक-तिहाई से ज्यादा हिस्से की, करीब 44 करोड़ लोगों की उम्र 18 वर्ष से नीचे है। केंद्रीय महिला व बाल विकास मंत्रालय के अध्ययन के मुताबिक इस आबादी में से 40 फीसदी को देखभाल और संरक्षण की जरूरत है। इससे पता चलता है कि देश में बच्चों को किस हद तक शारीरिक दुर्व्यवहार का सामना...
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जनसंख्या के बढ़ते बोझ को भोजन उपलब्ध कराने ऊपरी व शुष्क भूमि की उपयोगिता बढ़ाना है जरूरी
वैज्ञानिकों में भ्रम है कि हम उन्नत तकनीक की बात कर रहे हैं, तो पूर्व की परिस्थिति में ही सिर्फ निचली व मध्यम भूमि की उपयोगिता से काम चल जायेगा. लेकिन नयी परिस्थितियों में ऊपरी भूमि का उपयोग बढ़ाना जरूरी है. वहां ऐसी फसलें लगाने की जरूरत है जो कम पानी में और जल्दी तैयार हो जायें. जैसे मकई, मडुवा व 100 दिनों में तैयार होने वाला धान. मध्यम व निचली...
More »जनसंख्या के बढ़ते बोझ को भोजन उपलब्ध कराने ऊपरी व शुष्क भूमि की उपयोगिता बढ़ाना है जरूरी
वैज्ञानिकों में भ्रम है कि हम उन्नत तकनीक की बात कर रहे हैं, तो पूर्व की परिस्थिति में ही सिर्फ निचली व मध्यम भूमि की उपयोगिता से काम चल जायेगा. लेकिन नयी परिस्थितियों में ऊपरी भूमि का उपयोग बढ़ाना जरूरी है. वहां ऐसी फसलें लगाने की जरूरत है जो कम पानी में और जल्दी तैयार हो जायें. जैसे मकई, मडुवा व 100 दिनों में तैयार होने वाला धान. मध्यम व निचली...
More »संपादकीय : विकास बनाम विस्थापन
गुजरात में सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई बढ़ाने को मिली हरी झंडी निश्चित ही देश में बदले राजनीतिक माहौल का नतीजा है। 2006 में नरेंद्र मोदी ने राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर इस परियोजना को पूरी मंजूरी दिलाने के लिए 51 घंटों का उपवास किया था। अब वे प्रधानमंत्री हैं तो नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण (एनसीए) ने बांध की ऊंचाई 121.9 मीटर से बढ़ाकर 138.7 मीटर करने की इजाजत दे...
More »नयी सरकार के सामने गांव के पुराने मुद्दे- पंचायतनामा डेस्क
16 मई को देश में लोकसभा चुनाव का परिणाम आ गया है. देश को भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार मिलने जा रही है. भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने चुनाव अभियान के दौरान अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर राजनीतिक हमले के साथ विकास के मुद्दे को फोकस किया. उन्होंने कृषि, ग्रामीण रोजगार, शौचालय जैसे अहम मुद्दों की चर्चा प्रचार अभियान के दौरान की. हम अपनी आमुख कथा में गांव-पंचायत...
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