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देश में श्रम भागीदारी दर में आई गिरावट को नीति-निर्माता नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते

-द वायर, जबकि राष्ट्रीय उत्पादन एक बार फिर महामारी पूर्व के स्तर पर आ गया है, कुछ समय से भारत में रोजगार की दर का नाटकीय ढंग से गिरकर ऐतिहासिक न्यूनतम स्तर- 42 फीसदी के आस-पास होना एक अनसुलझी पहेली बनकर रह गया है. यह सभी तुलनीय एशियाई अर्थव्यवस्थाओं में सबसे कम है जहां श्रम भागीदारी अनुपात या नौकरी मांगनेवाले सक्रिय लोगों का अनुपात अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) के नीचे दिए गए...

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पैंडोरा पेपर्स: पैसे छिपाने के नए ठिकाने

-आउटलुक, “कमाई छिपाने के लिए अमीर उन देशों में पैसे भेज रहे जहां टैक्स की दर बहुत कम, लगातार होती घटनाएं बताती हैं कि आर्थिक अपराध रोकने के कानून बेमानी” बैंकों से कर्ज लो, पैसा विदेश भेजो और देश में खुद को दिवालिया घोषित कर दो। भारत में यह नया ट्रेंड बनता जा रहा है। यह बात पनामा पेपर्स और पैराडाइज पेपर्स के बाद अब ‘पैंडोरा पेपर्स’ के खुलासे से साबित होती...

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नवीनतम पीएलएफएस डेटा, विभिन्न प्रकार के श्रमिकों के बीच अल्प-रोजगार और स्वपोषित रोजगार में अवैतनिक सहायकों पर प्रकाश डालता है

आम तौर पर, अर्थशास्त्री एक निश्चित भौगोलिक क्षेत्र में एक विशेष अवधि में बेरोजगारी और काम से संबंधित अनिश्चितता की सीमा का आकलन करने के लिए श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर), श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) और बेरोजगारी दर (यूआर) जैसे संकेतकों का उल्लेख करते हैं. हालांकि, अन्य संकेतक भी हैं, जो रोजगार की स्थिति, आजीविका सुरक्षा और श्रमिकों की बदत्तर स्थिति को बेहतर तरीके से समझने में मदद कर सकते...

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आधिकारिक डेटा 2020 राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान शहरी क्षेत्रों में आजीविका संकट के गहराने की पुष्टि करता है!

हाल ही में जारी किया गया त्रैमासिक आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) डेटा मोटे तौर पर देशव्यापी लॉकडाउन अवधि के दौरान रोजगार और नौकरियों में गिरावट की पुष्टि करता है, हालांकि विभिन्न सर्वेक्षण-आधारित अध्ययन और शोध पत्र इस बात की ओर इशारा करते हैं कि पिछले साल लॉकडाउन के बाद के महीनों में कुछ हद तक सुधार हुआ है. पीएलएफएस पर त्रैमासिक बुलेटिन केवल वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (सीडब्ल्यूएस) संदर्भ में...

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स्कूल के दिनों में गोलकीपर रह चुके सीएम पटनायक का हॉकी को नया जीवनदान, फिर से बेहतर दिनों की उम्मीद

-आउटलुक, हॉकी जैसे तेज-तर्रार खेल में एक गोलकीपर मैदान पर सभी खिलाड़ियों में सबसे निष्क्रिय और बिना किसी तरह के सुर्खियों रहने वाला लग सकता है। लेकिन, खेल प्रशंसकों को पता होगा कि ये गोलकीपर ही होते हैं जो टीम को अपने बचाव को मजबूत करके और बाकी खिलाड़ियों को आक्रामक और गोल करने की अनुमति देकर टीम को मजबूती प्रदान करते हैं। एक ऐसा दिन जब पूरा भारत हॉकीमय हो गया है, जहां...

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