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महानदी: 86 सालों बाद भी क्यों नहीं सुलझ पा रहा छत्तीसगढ़, ओडिशा जल विवाद

मोंगाबे हिंदी, 21 अगस्त  बारिश के इस मौसम में छत्तीसगढ़ के सारंगढ़-बिलाइगढ़ ज़िले के कलमा बैराज के दोनों तरफ़ पानी नज़र आ रहा है। लेकिन दो-तीन महीने पहले तक तस्वीर ऐसी नहीं थी। छत्तीसगढ़ के जल संसाधन विभाग ने कलमा बैराज के अपने सारे गेट बंद कर रखे थे, जिसके कारण छत्तीसगढ़ के हिस्से वाली नदी में तो दूर-दूर तक अथाह पानी नज़र आ रहा था लेकिन ओडिशा की तरफ़ नदी,...

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दिल्ली के कई इलाकों में अवैध रूप से चल रही हैं रंगाई फैक्ट्रियां

डाउन टू अर्थ, 24 मई सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त निगरानी समिति संबंधित अधिकारियों के साथ मिलकर बिंदापुर, मटियाला, रणहोला, ख्याला, मीठापुर, बदरपुर, मुकुंदपुर और किरारी में अवैध रूप से चल रही रंगाई फैक्ट्रियों की जांच करेगी। इस मामले में आवेदक वरुण गुलाटी ने कोर्ट के समक्ष आवेदन दायर किया था। इसे ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति से कहा है कि वरुण गुलाटी...

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'भारत को कृषि के लिए एक पारिस्थितिकी केंद्रित दृष्टिकोण विकसित करना चाहिए'

इंडियास्पेंड, 11 मई  पी.एस. विजयशंकर धारणीय खेती और जल संसाधन प्रबंधन के विशेषज्ञ हैं। वह कहते हैं कि1960 के दशक में भारत की हरित क्रांति द्वारा लाई गई उत्पादन-केंद्रित कृषि, उच्च उपज वाले बीजों, उर्वरकों और भूजल के अत्याधिक उपयोग से भारत को 1970 के दशक तक खाद्य आत्मनिर्भरता हासिल करने में मदद तो मिली, लेकिन इसने मृदा स्वास्थ्य, भूजल और अन्य प्राकृतिक संसाधनों का काफी नुकसान भी किया। भारत को...

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'डिजिटल सर्विलांस' के मसले पर हिंदुस्तानी मीडिया का रुख क्या है?

टाइम्स ऑफ इंडिया और दैनिक जागरण की खबरों में दिखा सर्विलांस के प्रति समर्थन!   पुट्टास्वामी बनाम भारत संघ मामले में सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने ‘निजता के अधिकार’ को मौलिक अधिकारों की श्रेणी में रखा है। लेकिन, आए दिन ये खबरें आती रहती हैं कि आज सरकार की ओर से या सरकार की किसी ‘खास एजेंसी’ की ओर से राष्ट्रहित में या व्यापक जनहित में फ़लाँ व्यक्ति पर या किसी संस्था पर सर्विलांस किया गया! मीडिया...

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सुप्रीम कोर्ट का राज्यों को निर्देश: ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत प्रवासी और असंगठित श्रमिकों को 3 महीने के भीतर राशन कार्ड उपलब्ध कराएं

जनचौक, 21 अप्रैल सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार 20 अप्रैल 23 को राज्य सरकारों को उन प्रवासी और असंगठित श्रमिकों को 3 महीने के भीतर ‘राशन कार्ड’ देने का निर्देश दिया, जिनके पास राशन कार्ड नहीं है। लेकिन वो केंद्र के ‘ई-श्रम पोर्टल’ पर पंजीकृत हैं। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ‘ई-श्रम पोर्टल’ में पंजीकृत लगभग आठ करोड़ प्रवासी श्रमिकों को राशन कार्ड देने का निर्देश दिया। जिन्हें ‘राष्ट्रीय...

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