"कृषि संकट, किसान की आत्महत्या से नापा जाता है। आत्महत्या नहीं तो ये मैसेज जाएगा कि खेती में समस्या नहीं। यही सरकार की रणनीति है। सरकार जानबूझ कर किसानों की आत्महत्या के आंकड़ों को जारी नहीं कर रही है, लेकिन आंखें बंद कर लेने से संकट खत्म नहीं हो जाता।" राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की ताजा रिपोर्ट में किसान आत्महत्या का जिक्र न होने पर कृषि विशेषज्ञ देविंदर शर्मा कहते...
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किसानों की मौत छिपाता और सैनिकों की मौत भुनाता दिखावटी राष्ट्रवाद- अनुराग मोदी
1965 में एक तरफ देश की सीमा पर पाकिस्तान के साथ युद्ध हो रहा था और दूसरी तरफ देश सूखे और अकाल के संकट से जूझ रहा था. ऐसे समय में तत्कालीन प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री ने नारा दिया था- ‘जय-जवान, जय-किसान.' आज पहले से ज्यादा किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे है- कुछ नहीं बदला, बल्कि इतने बुरे हालात कभी नहीं रहे. सरकार की नीतियों ने उनकी समस्या और बढ़ा...
More »किसान-आत्महत्याओं में कमी लेकिन खेतिहर मजदूरों की आत्महत्याओं में बढ़ती के रुझान
एक साल के दरम्यान खेती-किसानी के काम में लगे लोगों की आत्महत्या घटनाओं में 9.8 फीसद की कमी आई है- क्या इस तथ्य को खेती-किसानी की हालत में सुधार का संकेत मानें ? यह तथ्य केंद्रीय कृषि मंत्रालय के राज्यमंत्री पुरुषोत्तम रौतेला के एक जवाब के जरिए सामने आया है. बजट-सत्र के दौरान राज्यमंत्री ने 20 मार्च को एक प्रश्न(संख्या-4111) के जवाब में संसद में बताया कि साल 2015 में खेती-किसानी से जुड़े 12602 लोगों...
More »ओडिशा में 6 किसानों ने आत्महत्या की, सरकार पर लापरवाही के आरोप
ओडिशा के बारगढ़ में कम से कम 6 किसानों के आत्महत्या करने की खबर आ रही है. इन किसानों की फसलें कीड़ों के चलते खराब हो गई थीं. इलाके के डीएम ने मृतक किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की बात कही है. इसके साथ ही डीएम खगेंद्र पाधी ने ये भी कहा है कि जिन किसानों की फसलें खराब हुई हैं उन्हें भी मदद दी जाएगी. फर्स्टपोस्ट हिन्दी पर प्रकाशित...
More »किसान-आत्महत्या : सबसे ज्यादा परेशान सीमांत और छोटे किसान !
मर्ज बढ़ता गया ज्यों-ज्यों दवा की ! देश में खेती-किसानी का हाल कुछ ऐसा ही है. किसान-आत्महत्या के नये आंकड़े संकेत करते हैं कि बीते 2 सालों में देश में कृषि-संकट और ज्यादा गहरा हुआ है. खेतिहर मजदूर से ज्यादा किसानों की आत्महत्या एनसीआरबी की नई रिपोर्ट के मुताबिक एक साल के भीतर(2014 से 2015) किसान-आत्महत्या की संख्या में 41.7 फीसद का इजाफा हुआ है जबकि आत्महत्या करने वाले खेतिहर मजदूरों की संख्या में तकरीबन एक...
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