एक ऐसे समय में जब अर्थजगत में बुद्धिमानी का पर्याय यह बन चला है कि अर्थसत्ता के खेल के लिए मैदान खुला छोड़ दिया जाय और सामाजिक-क्षेत्र पर होने वाले खर्चों में कटौती की जाय, एक रिपोर्ट का कहना है कि भुखमरी और खासतौर से बाल-कुपोषण मिटाने की दिशा में प्रयास करना अपने आप में बुद्धिमानी का काम है। रिपोर्ट में यूपीए सरकार की प्राथमिकताओं में शुमार किए जाने वाले...
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11 साल में नौ लाख लोगों को मिला रोजगार
रांची : राज्य गठन के बाद से अब तक उद्योग, आइटी व पावर सेक्टर में 75 हजार करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है. वहीं 9.62 लाख लोगों को रोजगार मिला है. इसमें प्रत्यक्ष रूप से 1.52 लाख लोगों को नौकरी मिली है. साथ ही अप्रत्यक्ष रूप से 5.5 लाख लोगों को रोजगार मिला है. हालांकि रोजगार देने के मामले में लघु उद्योग क्षेत्र अव्वल है. वहीं सिल्क हैंडीक्रॉफ्ट व हैंडलूम क्षेत्र...
More »बिहारी कारीगरों ने बनायी कंपनी
पटना : मुंबई की गंदी बस्ती धारावी में पांच सौ वर्गफुट के छोटे कमरे में बैग बनानेवाले सर्फुद्दीन अब बिहार लौटने की तैयारी कर रहे हैं. बिहार के बदले हालात से अपनी सरजमीं पर लौटने की चाहत वहां के 600 अन्य उद्यमियों और लगभग चार हजार कारीगरों को भी है. ज्यादातर कारीगर लघु, मध्यम व सूक्ष्म उद्यमों में काम करते हैं. सर्फुद्दीन के अलावा दरभंगा के अहसान अहसन व इफ्तखार अहमद भी...
More »जनमुहिम और जमीनी राजनीति : मृणाल पाण्डे
क्रांतिकारी बदलाव का सूत्रपात कौन करता है, नेता या आंदोलन? यह सवाल कुछ वैसा ही है, जैसे कि यह पूछना कि पहले मुर्गी आई या अंडा? फिर भी महाभारत से उपग्रह संचारित मीडिया के जमाने तक यह यक्ष प्रश्न पूछा जाता रहा है। युधिष्ठिर ने तो यक्ष को यह कहकर कि नेता ही अपने समय को गढ़ता है (राजा कालस्य कारणं) छुट्टी पा ली थी, लेकिन एकछत्र राजाओं का जमाना अब नहीं रहा।...
More »डीजल कार पर कश लगाना पड़ेगा महंगा-राम शंकर
यदि सरकार की चली तो डीजल कारों पर सफर करना और सिगरेट की कश लगाना महंगा पड़ सकता है। वित्त मंत्रालय के आला अधिकारियों की टीम सरकारी खजाने बढ़ाने के लिए आम लोगों की जेब ढीले करने में जुट गई है। माना जा रहा है कि सरकार डीजल कारों और तंबाकू उत्पाद पर 20-30 फीसदी एक्साइज ड्यूटी (उत्पाद शुल्क) बढ़ा सकती है। इस इजाफे पर 8 सितंबर को खत्म होने...
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