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गन्ना किसानों का 6225 करोड़ बकाया, यूपी में सबसे अधिक 2428 करोड़

केंद्र सरकार के किसानों के चीनी मिलों पर बकाये के भुगतान के लिये बनाये गये दबाव के बाद गन्ना पेराई सत्र 2015-16 के 87 प्रतिशत बकाये राशि का भुगतान कर दिया है, इसके बावजूद 6225 करोड़ रुपये मिलों पर अब भी बकाया है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की ओर से आज यहां जारी विज्ञप्ति के अनुसार सत्र 2015-16 के कुल बकाये राशि में से 87 प्रतिशत का...

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छत्तीसगढ़िया "बैगन" अब होगा कीटमुक्त, बनाया नया कीटनाशक

रायपुर। छत्तीसगढ़ में बैगन सब्जी की खपत बहुत ज्यादा है। इसलिए यहां के किसान साल भर इसकी खेती करते हैं। लेकिन इस फसल में एक बड़ी परेशानी यह है कि 50 प्रतिशत से ज्यादा फसलों पर तना छेदक बीमारी लग जाती है। इसके कारण पैदावार घट जाती है। अब इन दोनों समस्याओं से किसानों को मुक्ति मिलने वाली है क्योंकि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के पीएचडी छात्र कृष्ण गनपत राव...

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डॉक्टर ने बदली तीन सौ गांवों की तस्वीर

भारतीय रेलवे के कर्मचारी देवराव कोल्हे के पुत्र रवींद्र नागपुर मेडिकल कॉलेज में पढ़ रहे थे। हर किसी को उनके डॉक्टर बनकर अपने गांव शेगाव लौटने का इंतजार था, लेकिन किसे मालूम था कि शहर में अच्छी प्रैक्टिस शुरू करने की बजाय रवींद्र एकदम उल्टी दिशा ही पकड़ लेंगे। वे महात्मा गांधी और विनोबा भावे की किताबों से बहुत प्रभावित थे। पढ़ाई पूरे होते-होते वे निश्चय कर चुके थे कि...

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जीवन चलने का नाम : उदयपुर के प्रवासी मजदूरों की बदलती दुनिया

" यह सड़क कहां जाती है ? "सड़क कहीं नहीं जाती, इस पर आने-जाने वाले लोग जाते हैं." विजयदान देथा की एक कहानी में चतुर बुढ़िया ने अपनी हाजिरजवाबी से राजा और मंत्री को छकाने के लिए कहा था. पता नहीं उदयपुर जिले के जनजातीय इलाके गोगुन्दा, कोटड़ा और सलुम्बर में चतुर बुढ़िया की यह लोककथा प्रचलित है या नहीं लेकिन यहां के राष्ट्रीय राजमार्ग-8 पर बुढ़िया की बात फिट बैठती है. लाने-जाने के...

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सुलगता सवाल : क्या मॉनसून की बारिश सूखे की भरपायी कर पायेगी ? सूखते जलागार, घटता जलस्तर, पेयजल और सिंचाई के संकट पर क्या कहते हैं विशेषज्ञ, नये शोध और आधिकारिक दस्तावेज...जानने के लिए यहां क्लिक करें.

लगातार दो सालों (2014-15 और 2015-16) में सामान्य से क्रमशः 12 और 14 फीसदी कम बारिश के कारण सूखे की मार झेल चुका देश इस साल मानसून से पहले भयावह गर्मी की चपेट में है. चैत के दिन जेठ के दुपहरिया की तरह तपे और देश के कई इलाकों में अप्रैल महीने में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से लेकर 46 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा जो कि सामान्य से...

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