हाथ में कापी, पुस्तक, पेन, कलम की जगह बच्चों को बोझ उठाना पड़ रहा है। गरीब घर के बच्चे बचपन से ही घर खर्च में माता-पिता की मदद करने पढ़ाई छोड़कर कार्य करने मजबूर हैं। शासन ने बालश्रम कानून बनाया है जिसमें १४ वर्ष से कम उम्र के बच्चे मजदूरी नहीं कर सकते, लेकिन परिवार की आर्थिक पेरशानी को देखकर पेट पालने के उद्देश्य से आज छोटे-छोटे बच्चे भी मजदूरी कर रहे हैं। गरीब...
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एक मटकी पानी, 65 फीट गहरा सफर
जोधपुर. दुनिया भले ही चांद पर पहुंच गई, लेकिन चांदेलाव की उमराव को आज भी एक मटकी पानी के लिए 65 फीट नीचे बेरी में उतरना पड़ता है। सरकार भले ही हजारों दावे करे लेकिन करीब 600 घरों वाले इस गांव की तो यही कहानी है। दिन में ये बेरी सूखी रहती है और शाम के बाद इसमें पानी रिसना शुरू होता है। लोग तड़के मुंह अंधेरे लालटेन की रोशनी में यहां उतरते हैं और...
More »नहीं होंगी प्लास्टिक थैलियां बैन
नयी दिल्ली : सरकार ने प्लास्टिक थैलियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग को नामंजूर करते हुये आज कहा कि वह लोगों को प्लास्टिक थैलियों का इस्तेमाल नहीं करने के लिये प्रेरित करने के उद्देश्य से आर्थिक प्रोत्साहन देने संबंधी उपाय लागू करने पर विचार कर रही है. पर्यावरण एवं वन राज्य मंत्री जयराम रमेश ने आज लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान कहा कि मौजूदा स्थिति में पूरे देश में प्लास्टिक थैलियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना...
More »सब ताज उछाले जाएंगे, सब तख्त गिराये जाएंगे- अरुंधति रॉय
दंतेवाड़ा को समझाने के कई तरीके हो सकते हैं। यह एक विरोधाभास है। भारत के हृदय में बसा हुआ राज्यों की सीमा पर एक शहर। यही युद्ध का केंद्र है। आज यह सिर के बल खड़ा है। भीतर से यह पूरी तरह उघड़ा पड़ा है। दंतेवाड़ा में पुलिस सादे कपड़े पहनती है और बागी पहनते हैं वर्दी। जेल अधीक्षक जेल में है, और कैदी आजाद (दो साल पहले शहर की पुरानी जेल से करीब 300...
More »झोपड़ी में चल रहे हैं उत्तर बिहार के थाने
मुजफ्फरपुर [जासं]। जब पूरे देश में पुलिस आधुनिकीकरण के लिए सरकार कोई भी कसर छोड़ना नहीं चाहती, उत्तरी बिहार में छप्पर के नीचे थाने चल रहे हैं। कई तो कच्चे घरों या किराए के भवनों में या अन्य सरकारी विभाग के भवनों में चलाए जा रहे हैं। पश्चिमी चंपारण में कंगली थाना तो बांध पर चल रहा है। मिथिलांचल के झंझारपुर थाने में तो छत की जगह पालिथीन का तंबू है। पश्चिम चंपारण में...
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